वाशिंगटन : नासा आज मंगल पर अपना नवीनतम यान भेजने की तैयारी कर रहा है जो यह पता लगाएगा कि लाल ग्रह का अधिकांश वातावरण क्यों नष्ट हो गया.फ्लोरिडा के केप कैनवेरल से ‘मार्स ऐटमास्फियर एंड वॉलैटाइल इवोल्यूशन’ (एमएवीईएन )का प्रक्षेपण दोपहर 1 बजकर 28 मिनट पर हो सकता है.
नासा के मौसम वैज्ञानिकों ने कल कहा कि मानवरहित यान के प्रक्षेपण के लिए मौसम परिस्थितियां 60 प्रतिशत अनुकूल हैं.अनुसंधानकर्ता यह पता लगाना चाहते हैं कि मंगल ग्रह पर अरबों वर्ष पहले आखिर क्या हुआ था जिससे धरती का पड़ोसी जल युक्त ग्रह..जो जीवन के लिए अनुकूल हो सकता था.. एक सूखे और उसर रेगिस्तान में तब्दील हो गया जहां मुश्किल से कोई वातावरण बचा हो.
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह पहला यान है जो मंगल के उपरी वातावरण के बारे में जानने के लिए समर्पित है.इस महीने के शुरु में भारत द्वारा रवाना किया गया मंगल यान वहां मीथेन के बारे में पता लगाएगा और यदि नासा का प्रक्षेपण आज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होता है तो भारत का यान अमेरिकी यान से दो दिन बाद मंगल क्षेत्र पर पहुंचेगा.दोनों यानों के विज्ञान लक्ष्यों में कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. भारत ने अपना यान मंगल पर मीथेन संबंधी खोज के लिए भेजा है जो मंगल पर प्राचीन समय में कदाचित मौजूद रहे किसी तरह के जीवन के अस्तित्व को साबित कर सकता है, जबकि अमेरिका अपनी जांच में ग्रह के जलवायु परिवर्तन के बारे में उत्तर ढूंढ़ना चाहता है.