न्यूयार्क : भारतीय मूल के गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता ने अमेरिका की अपीलीय अदालत में भेदिया कारोबार मामले में उनपर लगाये गये 1.39 करोड़ डालर के भारी-भरकम जुर्माने और किसी सार्वजनिक हिस्सेदारी वाली कंपनी में निदेशक बनने पर लगे आजीवन प्रतिबंध को पलटने की मांग की है.
अमेरिका की अपीलीय अदालत में गुप्ता के वकीलों ने कहा कि जिला अदालत ने गुप्ता पर 1.39 करोड़ डालर का जुर्माना लगाने के संबंध में अपने विवेकाधिकार का दुरुपयोग किया है. यह राशि कथित तौर पर गुप्ता द्वारा हेज फंड परिचालक राज राजारत्नम को दी गयी गोपनीय सूचना के आधार पर कमाई गई राशि से तिगुनी है.
वकीलों ने कहा कि 64 वर्षीय गुप्ता पर लगाया गया यह जुर्माना बहुत अधिक है जिन पर एक इसी तरह के आपराधिक भेदिया कारोबार मामले में पहले से ही 50 लाख डालर का जुर्माना लगा है और दो साल कैद की सजा सुनाई गई है.
उन्होंने कहा , गुप्ता के सिविल जुर्माना तय करते हुये न्यायालय उन पर लगाये गये दूसरे जुर्माने के प्रभावों पर विचार करने में असफल रहा है, जबकि न्यायालय को ऐसा विचार करना चाहिए था.
वकीलों का कहना था गुप्ता को पहले से ही दी गयी आपराधिक सजा के प्रतिकूल असर पर विचार किये बिना ही अदालत ने गुप्ता पर 1.39 करोड़ डालर का अधिकतम सिविल जुर्माना लगा दिया. हालांकि गुप्ता ने उस भेदिया सूचना के आधार पर खुद कभी भी सौदे नहीं किये और कोई पैसा नहीं कमाया.