बीजिंग : चीन की एक अदालत ने भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के मामलों में बदनाम हुए कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बो शिलाई की अपील खारिज करते हुए उनकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है, शानदोंग हायर पीपुल्स कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया और बो को रिश्वतखोरी, गबन एवं पद के दुरुपयोग के मामले में मिली सजा को बरकरार रखा.
बीते सितम्बर महीने में जिनान की इंटरमीडिएट कोर्ट ने 64 वर्षीय बो को घूसखोरी के मामले में उम्रकैद, गबन के मामले में 15 साल तथा पद के दुरुपयोग के मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. इस उपरी अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से मुहैया कराए गए सबूत की छानबीन की और फिर बो को मिली उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.
अपील खारिज होने का मतलब यह है कि बो के पास सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं और अब उन्हें सजा भुगतना होगा. जानकारों का कहना है कि 14 साल के बाद उनकी सजा की समीक्षा हो सकती है. इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है कि बो को किस जेल में रखा जाएगा.