वाशिंगटन : वर्ष 1998 में ओसामा बिन लादेन को अमेरिका के खिलाफ अल-कायदा का हमला कराने से रोकने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान से मदद मांगी थी. तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा था कि वे निकट भविष्य में तालिबान को यह हमला करने से रोकने के लिए उस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें.
अरकंसास के लिटिल रॉक में स्थित क्लिंटन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी द्वारा उपलब्ध कराए गए और गुप्त सूची से हटाए गए टेलीफोन बातचीत के ज्ञापन के अनुसार क्लिंटन ने शरीफ को ओवल कार्यालय से फोन किया और निकट भविष्य में अल-कायदा द्वारा संभावित हमले से जुड़ी खुफिया जानकारी मिलने के बाद उनसे निजी मदद मांगी.
इस दस्तावेज के अनुसार, शरीफ ने क्लिंटन को बताया था कि तालिबान ‘बहुत जिद्दी’ और ‘बहुत असहयोगी’ हैं. क्लिंटन ने तालिबान को मनाकर अमेरिकी लक्ष्यों के खिलाफ अलकायदा हमला करने से ओसामा बिन लादेन को रोकने और लादेन को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए शरीफ की मदद मांगी थी.