लंदन : ब्रिटेन ने अवैध रुप से रह रहे करीब 60,000 आव्रजकों को चेतावनी संदेश भेजकर उन्हें देश छोड़ने को कहा है. लेकिन भारतीय मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता समेत कानूनी रुप से रह रहे आव्रजकों को इस प्रकार का संदेश मिलने से इस मुहिम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
गृह विभाग ने दावा किया है कि कुल 58,800 लोगों में से केवल 14 को गलती से एसएमएस, ईमेल तथा डाक के जरिये संदेश भेजकर उनसे यह पूछा गया था कि क्या वे वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रुके हुए हैं लेकिन आव्रजकों का मानना है कि सही आंकड़ा कहीं अधिक है.
भारतीय मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा नस्लवाद के खिलाफ मुहिम चलाने वाले सुरेश ग्रोवर को जब यह संदेश मिला तो उन्हें झटका लगा. उन्होंने कहा, संदेश मिलने के बाद मैं पूरी तरह आहत और आतंकित महसूस कर रहा हूं. ग्रोवर ने कहा, मैं अपने माता-पिता के साथ 1966 में यहां आया. मेरा जन्म पूर्वी अफ्रीका में हुआ और हमेशा मेरे पास ब्रिटिश पासपोर्ट रहा. ग्रोवर अब इस मामले में अपने वकीलों से सलाह ले रहे हैं.
मामले में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के कार्यालय के रुख से विवाद को और बल मिला. प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री संदेश के पीछे के सिद्धांत से सहमत हैं. यह विभिन्न माध्यमों में से एक है जिसका उपयोग गृह विभाग उन लोगों से संपर्क करने के लिये करता है जिनके पास ब्रिटेन में रहने का अधिकार संभवत: नहीं है.