स्टॉकहोम : रासायनिक प्रक्रिया को समझने और उसका पूर्वानुमान लगाने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन की युक्ति विकसित करने के लिए तीन वैज्ञानिकों (मॉलेक्यूलर विशेषज्ञ) को इस वर्ष रसायनशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गयी है.
ज्यूरी ने बताया कि अमेरिकी आस्ट्रियन नागरिक मार्टिन कारप्लस, अमेरिकी ब्रिटिश नागरिक माइकल लेविट और अमेरिकी-इस्राइली एरिह वारशेल को जटिल रसायनिक प्रक्रिया के लिए मल्टीस्केल मॉडलों का विकासह्ण करने के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है.
उन्होंने वास्तविक जीवन को दर्शाने वाले कंप्यूटर मॉडल विकसित किया है जो वर्तमान में रसायनशास्त्र के क्षेत्र में हुए विकास के लिए अत्यावश्यक हो गया है. इसके परिणामस्वरुप जटिल रासायनिक प्रक्रियाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटर प्रोग्रामों का प्रयोग किया जा सकता है. इससे फार्मास्युटिकल इंजीनियरों और मैन्यूफैक्चरिंग केमिस्टों को समस्याओं के समाधान का त्वरित तरीका मिल जाएगा.
यह प्रक्रियाएं मिली सेकेंड के छोटे हिस्से में हो सकती हैं जबकि पारंपरिक एल्गोरिदम तरीके से बहुत ज्यादा तेज है. पारंपरिक तरीके में कदम-दर-कदम काम करने की कोशिश होती है.इन तीनों का योगदान अपने मॉडल में पारंपरिक भौतिकी को क्वांटन भौतिकी के साथ मिलाना है.
यह गणना के परमुटेशन की संख्या को बढ़ा देता है हालांकि डेटा के संगणना के लिए कंप्यूटर को बहुत शक्ति की अवश्यकता होती है. नोबेल पैनल ने कहा, मार्टिन कारप्लस, माइकल लेविट और एरिह वारशेल ने जिन तरीकों का विकास किया है उसकी सबसे बड़ी शक्ति उनका वैश्विक होना है. मार्टिन कारप्लस (83), माइकल लेविट (66) और एरिह वारशेल (72) अमेरिकी विश्वविद्यालयों में काम करते हैं.