स्टॉकहोम : ब्रिटेन के 84 वर्षीय पीटर हिग्स और बेल्जियम के 80 वर्षीय फ्रांसवा एंगलर्ट को ‘गॉड पार्टिकल’ हिग्स बोसॅन की खोज के लिए इस वर्ष भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. हिग्स व बोसॅन की खोज ने द्रव्यमान की उपस्थिति की गुत्थी सुलझाने में मदद की है.
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जायेगा.
मिल का पत्थर : हिग्स, एंगलर्ट और अन्य वैज्ञानिकों के सैद्धांतिक काम से प्रेरणा लेकर तीन वर्ष तक सैकड़ों वैज्ञानिकों ने सर्न की प्रयोगशाला में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर की मदद से लगातार बोसॅन की तलाश की. पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की. विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है.
कण की विशेषता : ज्यूरी ने जारी बयान में कहा, यह कण एक अदृश्य क्षेत्र से पैदा होता है, जो पूरे स्थान को भर देता है. उस वक्त भी जब ब्रह्मांड खाली लग रहा था यह कण मौजूद था. इसके बगैर हमारा अस्तित्व नहीं होगा, क्योंकि क्षेत्र के साथ संबंध के कारण ही कणों को द्रव्यमान मिलता है.
प्रस्तुत की थी थ्योरी
जिनेवा में परमाणु शोध से जुड़े यूरोपीय संगठन सर्न (द यूरोपीय ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लिअर रिसर्च) के इस साल हिग्स–बोसोन पार्टिकल (गॉड पार्टिकल) की खोज से बहुत पहले 1960 के दशक में ही एंगलर्ट और हिग्स ने इस पार्टिकल के होने की थ्योरी प्रस्तुत की थी. उनकी थ्योरी का केंद्र बिंदु यह था कि आखिर किसी भी चीज का द्रव्यमान क्यों होता है? उनका मानना था कि अति सूक्ष्म अणु बर्फ पर गिरने वाले शीरा की तरह होते हैं, जिस पर प्रकृति की दूसरे मौलिक तत्व चढ़ते जाते हैं. धीरे–धीरे एक परमाणु का निर्माण होता है.
‘‘ मैं उन सभी को भी बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने इस नये कण के खोज में भूमिका निभायी और अपने परिवार, मित्रों और सहकर्मियों को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा. आशा करता हूं कि मौलिक विज्ञान को मिली मान्यता अंतरिक्ष के अनुसंधान को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी.
हिग्स
‘‘मैं यह सम्मान पाकर बहुत प्रसन्न हूं. इस काल्पनिक बोसॅन के संबंध में हिग्स ने 1964 में सैद्धांतिक विचार दिया था. उन्होंने कहा था कि बिग–बैंग के बाद ब्रह्मांड के ठंडा होने पर इसी कण के कारण पदार्थो में द्रव्यमान की मौजूदगी है.
एंगलर्ट