संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अपनी संरचना और कामकाज में सुधार की कमी के चलते वैश्विक संकटों पर सटीक रुख अपनाने में अक्षम है और इससे विश्व समुदाय में हताशा बन रही है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए जब प्रधानमंत्री यहां आयेंगे तो 15 सदस्य सुरक्षा परिषद का सुधार भारत का प्रमुख एजेंडा होगा.भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और गैर स्थायी श्रेणियों में विस्तार करके उसमें सुधार की मजबूत वकालत कर है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हताशा महसूस की जा रही है क्योंकि उन्हें लगता है कि सुरक्षा परिषद पूरी तरह से पंगू हो गयी है. वह विभिन्न संकटों के समय प्रतिक्रिया नहीं करती और उसका प्रतिनिधि चरित्र भी नहीं है.उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विश्व के विचार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ा निराशा का स्रोत है. उन्होंने इस बात का जोर दिया कि परिषद के कुछ स्थायी सदस्यों ने भी सुरक्षा परिषद में सुधार करने के बारे में सार्वजनिक रुप से बात की है.