इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संकेत दिया है कि पेशावर के चर्च पर घातक हमले के बाद तालिबान के साथ बातचीत की सर्वदलीय बैठक समर्थित योजना पर आगे बढ़ना मुश्किल है. कल हुए इस हमले में कम से कम 81 लोग मारे गए थे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयार्क जाने के दौरान शरीफ ने लंदन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह की घटनाएं वार्ता के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.’’द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार शरीफ ने कहा, ‘‘दुभाग्र्यपूर्ण रुप से इसकी वजह से सरकार तय योजना पर आगे बढ़ने में अक्षम है जैसा वह करना चाहती थी.’’ शरीफ ने साथ ही संबंधित अधिकारियों को देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रार्थनास्थलों के लिए नई सुरक्षा नीति बनाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नेक इरादे और सभी राजनीति दलों की सहमति से तालिबान के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया था. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रुप से इसकी (हमले) वजह से सरकार तय योजना पर आगे बढ़ने में अक्षम है जैसा वह करना चाहती थी.’’ शरीफ ने कहा कि नेक इरादों से सर्वदलीय (एपीसी) बैठक बुलायी गयी और ‘‘वहां सभी फैसले ईमानदारी से लिए गए और इन फैसलों में पूरे देश का प्रतिनिधित्व था.’’ खबर में कहा गया कि शरीफ ने आतंकवादियों के साथ बातचीत के एपीसी के फैसले का बचाव किया लेकिन वह आतंकवादियों द्वारा उनके प्रस्ताव पर दिखायी गयी उपेक्षा से हताश दिखे.