वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की भारत यात्र से पहले उनके दौरे की तैयारी के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक भारत के दौरे पर जा रहे हैं. केरी गर्मी के महीने में भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता में शामिल होने के लिए नई दिल्ली जाएंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता पैट्रिक वेंट्रेल ने कल यहां संवाददाताओं को बताया कि उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्स दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा मामलों जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में ‘सार्थक बातचीत’ को जारी रखने के लिए भारत की यात्र पर करेंगे.
वेंट्रेल ने बर्न्स की यात्र की निश्चित तारीख बताए बिना कहा, ‘‘अमेरिका भारत के साथ अपनी रणनीतिक भागीदारी को बहुत महत्व देता है जिसमें दोनों देशों की सरकारें निवेश कर रही हैं.’’ बर्न्स अपनी भारत यात्र के दौरान वहां अपने भारतीय समकक्षों के साथ दोनों देशों के बीच व्यपार और निवेश संबंधों, असैन्य परमाणु सहयोग समेत उर्जा एवं जलवायु परिवर्तन सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा करेंगे.
वेंट्रेल ने कहा, ‘‘उप विदेश मंत्री अफगानिस्तान और एशिया प्रशांत क्षेत्र में बेहतर सहयोग के लिए समान लक्ष्यों समेत कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के साथ चर्चा करेंगे. भारत अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण और निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिसका हम स्वागत करते हैं.
बर्न्स की यह यात्र आने वाले कुछ महीनों में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा एक दूसरे के देशों में की जाने वाली यात्र की शुरुआत करेगी. इसके तहत केरी विदेश मंत्री के तौर पर अपनी पहली भारत यात्र करेंगे और इस दौरान भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सह अध्यक्षता करेंगे.
इस महीने के आखिर में भारत के गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे भी अपने अमेरिकी समकक्ष जैनेट नेपोलितानो के साथ सालाना घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए अमेरिका का दौरा करेंगे. शिन्दे के बाद भारत के मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्ब्ल अमेरिका के दौरे पर आएंगे.
समझा जाता है कि अक्षय उर्जा मंत्री डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला भी एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका आएंगे.
11 जुलाई को यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल का वार्षिक सम्मेलन है जिसके लिए कई भारतीय कैबिनेट मंत्रियों के वाशिंगटन आने की संभावना है. इसके अलावा 10 और 11 जुलाई को इंडिया यूएस सीईओ फोरम की बैठक भी है.