सेंट पीटर्सबर्ग : भारत ने आज कहा कि उसके पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है और वह वैश्विक उतार चाढाव में अपनी मुद्रा की रक्षा कर सकता है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल 280 अरब डालर का है.योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि यदि स्थिति में ‘अचानक कोई बड़ा बदलाव’ नहीं होता है, तो देश को किसी प्रकार की बाहरी मदद की जरुरत नहीं होगी.
अहलूवालिया ने कहा कि इस साल रुपये में गिरावट कुछ अधिक रही है. जी-20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ‘शेरपा’ अहलूवालिया ने कहा, ‘‘280 अरब डालर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ मुझेनहीं लगता कि करेंसी अदलाबदली व्यवस्था के इस्तेमाल की जरुरत होगी. स्थिति में आकस्मिक रुप से कोई बड़ा बदलाव आज जाए तो बात अलग है.’’ मोंटेक ने जोर देकर कहा कि रुपये में कुछ गिरावट ‘उचित’ है. पिछले महीने रुपया गिर कर करीब 69 प्रति डालर के सर्वकालिक निचले स्तर तक चला गया था.
उन्होंने कहा कि जब रुपया 69 पर पहुंचता है, तो यह निश्चित रुप से यह कुछ अधिक गिरावट है तेकिन इसमें से पूरी गिरावट केवल बाजार के उतार चढाव के कारण ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि रुपया 59 से 65 प्रत डालर के बीच कहीं भी रहेगा.
अहलूवालिया ने कहा, ‘‘रुपये में कुछ गिरावट उचित है. लेकिन जब यह 69 पर है, तो यह निश्चित रुप से कुछ अधिक गिरावट है, जो इच्छित नहीं है.’’