वाशिंगटन : भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक को धातु की अत्यंत पतली चादरें विकसित करने के लिए पांच लाख डॉलर का पुरस्कार मिला है. इन चादरों का इस्तेमाल पुन: चार्ज की जा सकने वाली बेहतर किस्म की बैटरियां बनाने में किया जा सकता है. नेशनल साइंस फाउंडेशन की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित करियर पुरस्कार को जीतने वाले इस वैज्ञानिक का नाम गुरप्रीत सिंह है, जो कि कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल और न्यूक्लियर इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर हैं.
इस पुरस्कार का इस्तेमाल सिंह धातु की और भी पतली चादरें विकसित करने में करेंगे, जिनका इस्तेमाल पुन: चार्ज हो सकने वाली बैटरियों, सुपर कैपेसिटर (संधारित्र) और फोटो इलेक्ट्रोकेमिकल हाइड्रोजन उत्पादन के उत्प्रेरकों के निर्माण में किया जा सकता है. इस पुरस्कार से सिंह को अनुसंधान में तो मदद मिलेगी ही, साथ ही वह शैक्षणिक गतिविधियों का भी आयोजन करेंगे.
वह हाईस्कूल में विज्ञान के अध्यापकों और हाईस्कूल की छात्राओं के लिए नैनो तकनीक पर आधारित ग्रीष्मकालीन कार्यशालाओं के आयोजन की योजना बना रहे हैं. सिंह ने कहा, ‘मैं नैनो तकनीक में मौजूद अवसरों के बारे में उत्सुकता पैदा करना चाहता हूं और दूसरों को इस उत्पादन से जुडी चुनौतियों और इसके व्यवहारिक अनुप्रयोगों के आडे आने वाली भारी लागत के बारे में जागरुक बनाना चाहता हूं.’