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आतंकियों की शरीफ के निवास पर आत्मघाती हमला करने की साजिश नाकाम

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रशासन ने एक आतंकवादी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को निशाना बनाने की साजिश को विफल करने का दावा किया है. प्रशासन का दावा है कि ये आतंकी लाहौर के बाहरी इलाके रायविंद में शरीफ के निवास पर आत्मघाती हमला करने की योजना बना रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रशासन ने एक आतंकवादी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को निशाना बनाने की साजिश को विफल करने का दावा किया है. प्रशासन का दावा है कि ये आतंकी लाहौर के बाहरी इलाके रायविंद में शरीफ के निवास पर आत्मघाती हमला करने की योजना बना रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी के अपहरण मामले की जांच कर रही पुलिस तथा खुफिया अधिकारियों की संयुक्त जांच टीम ने इस साजिश का पता लगाया. मई में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अली हैदर का अपहरण किया गया था.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गिलानी के मामले की जांच करते हुए अधिकारियों ने उत्तरी वजीरिस्तान स्थित एक आतंकवादी गुट का पता लगाया जो लाहौर में सक्रिय था और रायविंद में शरीफ को उनके आवास पर आत्मघाती हमले के जरिए निशाना बनाने की साजिश रच रहा था.आतंकवादी गुट को भेदने के लिए लाहौर में संयुक्त टीम द्वारा चलाए गए अभियान में टीम को एक अन्य आतंकवादी समूह का पता चला जो तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में स्थित कमांडरों मतिउर रहमान तथा मुहम्म्द यासिन उर्फ असलम से जुड़ा था.

रहमान और यासीन दोनों पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज,आईएसआई हमजा कैंप , जनरल हेडक्वाटर चौकी पर आत्मघाती हमले तथा कई अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. दोनों आतंकवादियों के सिर पर 30 लाख रुपये का इनाम है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस आतंकवादी समूह के दो उप समूह हैं. एक समूह में जफर,अब्दुल्ला, असद (सभी बनाउ तथा आसपास के इलाकों में सक्रिय) थे जबकि दूसरे का संबंध नार्थ वजीरिस्तान बनाउ स्थित और लाहौर में सक्रिय आतंकवादी समूह से था. एक संदिग्ध और रायविंद के निवासी फहीम मियो के संबंध लाहौर के उग्रवादी समूह से होने का पता चला. जांच में पता चला कि ये आतंकवादी सेल फोन का कम से कम इस्तेमाल करते हुए पीसीओ के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में थे.

ये संदिग्ध रायविंद में तबलीगी जमात मुख्यालय के परिसर के भीतर से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे थे जिससे जांच टीम के लिए इनका पता लगाना एक प्रकार से असंभव था. जांच दल करीब एक सप्ताह तक रायविंद में रहा और अंतत: एक आतंकवादी मियो को गिरफ्तार कर लिया गया जिसने एक दूसरे व्यक्ति का पता दिया जिसके तार बनाउ और नार्थ वजीरिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों से जुड़े थे. अन्य गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों की पहचान उस्मान उर्फ सैफुल्लाह, महमूद इकबाल के रुप में की गयी है जो रायविंद के पजियान के निवासी हैं. उस्मान की जमीन नवाज शरीफ के घर के साथ लगती है.

संयुक्त टीम ने तकनीकी निगरानी के जरिए यह पता लगाया कि नार्थ वजीरिस्तान बनाउ स्थित आतंकवादियों ने 4-5 आत्मघाती बमवर्षकों को रायविंद भेजा है. टीम ने इसके बाद तबलीगी मिशन को लेकर जा रही चार पांच बसों को रोका और नार्थ वजीरिस्तान के मिरान शाह के चार कथित आत्मघाती हमलावरों को पकड़ा. आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला गोला बारुद का जखीरा अभी बरामद नही किया गया है. इसलिए खतरा अभी बना हुआ है. दैनिक ने यह रिपोर्ट दी है.

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