बीजिंग: दिल्ली से चेन्नई के बीच बुलेट प्रस्तावित बुलेट ट्रेन से भारत और चीन दोनों को बेहद लाभ मिलेगा. इस लाइन का विनिर्माण चीन द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है. भारतीय रेलवे के अधिकारी 32 अरब डालर की इस विशाल परियोजना की संभावना तलाशने के लिए यहां आए हुए हैं.
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बुलेट ट्रेन से भारत और चीन दोनों को होगा लाभ
बीजिंग: दिल्ली से चेन्नई के बीच बुलेट प्रस्तावित बुलेट ट्रेन से भारत और चीन दोनों को बेहद लाभ मिलेगा. इस लाइन का विनिर्माण चीन द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है. भारतीय रेलवे के अधिकारी 32 अरब डालर की इस विशाल परियोजना की संभावना तलाशने के लिए यहां आए हुए हैं. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में […]
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि चीन भारत की सफल रेल भागीदारी से दोनों पक्षों को बेइंतहा लाभ मिलेगा. चीन दुनिया को अपनी नई द्रुत गति की रेल प्रौद्योगिकी दिखाने की तैयारी कर रहा है.
रेल मंत्रालय के अधिकारियों का एक दल इस समय चीन आया हुआ है. यह दल चीन की 1,754 किलोमीटर की चेन्नई- दिल्ली लाइन के लिए व्यावहारिकता अध्ययन की पेशकश पर विचार करने के लिए यहां आया है. इस लाइन पर 32 अरब डालर से अधिक की लागत आएगी. यदि यह परियोजना आगे बढती है, तो चीन के लिए देश के बाहर इस तरह की पहली परियोजना होगी. चीन के पास दुनिया का सबसे बडा द्रुत गति का रेल नेटवर्क है.
लेख में कहा गया है कि द्रुत गति की रेल लाइन में भारत के साथ चीन की भागीदारी को लेकर भारतीय जनता में अच्छी प्रतिक्रिया नहीं है. इसमें यह भी जिक्र किया गया है कि जापान, मुंबई-अहमदाबाद गलियारे के लिए इसी तरह का अध्ययन कर रहा है.
इससे पहले इसी महीने मैक्सिको की सरकार ने चीन की कंपनियों के साथ 3.7 अरब डालर के द्रुत गति की रेल परियोजना के अनुबंध को रद्द कर दिया था. मैक्सिको ने इस मामले में संदिग्ध भ्रष्टाचार की वजह से अनुबंध रद्द किया.
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