काठमांडो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षेस के अन्य नेता शिखर सम्मेलन के बाद अनौपचारिक मुलाकातों (रिटरीट) के लिए आज यहां से 20 किलोमीटर पूर्व में स्थित कावरे जिले के धूलीखेल के लिए रवाना हो गए. ऐसा माना जा रहा है कि ये लोग क्षेत्रीय संपर्क समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर दबाव बनाने का एक अंतिम प्रयास कर सकते हैं.
रिटरीट, दक्षेस शिखर सम्मेलन की एक ऐसी परंपरा है, जहां नेता एक सुकून भरे और ज्यादा अनौपचारिक माहौल में निजी, अनाधिकारिक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताएं करते हैं. दक्षेस की इस रिटरीट का आयोजन शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल से बाहर होटलों या सैरगाहों में किया जाता है, जहां नेता आराम कर सकते हैं और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय एजेंडों पर चर्चा कर सकते हैं.
ये अनौपचारिक मुलाकातें अनसुलझे मुद्दों पर असहमतियों को दूर करने का अवसर भी उपलब्ध कराती हैं. चूंकि पाकिस्तान ने दक्षेस संपर्क समझौते पर अपनी ‘आंतरिक प्रक्रिया’ पूरी न होने का हवाला देते हुए हस्ताक्षर नहीं किए, ऐसे में संभावना है कि नेता समझौतों पर हस्ताक्षर करने की अपनी उत्सुकता को प्रकट करें.
नेपाली विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने बुधवार को बताया था कि, कुछ मार्ग अवरोधक हैं और हम उन्हें साफ करने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश मोटर वाहन समझौते समेत संपर्क समझौतों पर दक्षेस के समापन से पहले हस्ताक्षर सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास करेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल कहा, जिसकी (समझौतों पर हस्ताक्षर) उम्मीद की गई थी, वह यहां हुआ नहीं. प्रधानमंत्री से जितने भी लोग मिले, लगभग उन सभी को लगता है कि यह संगठन के लिए अच्छा नहीं होगा. वे लोग मौजूदा स्थिति की संभावित समीक्षा का इंतजार कर रहे हैं. कल ये नेता अनौपचारिक मुलाकात (रिटरीट) के लिए मिलेंगे. प्रवक्ता ने कहा, वे शायद अनौपचारिक रूप से इन मुद्दों को उठाएंगे और अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगे. कल रिटरीट में इसे चर्चा के एक बडे बिंदु के रुप में उठाया जा सकता है.