सूचना प्रौद्योगिकी एवं हर्डवेयर कंपनी एपल के खिलाफ ई-बुक की बिक्री के संबंध में प्रतिस्पर्धा कानून के तहत चल रहे अभियोग में कंपनी के पूर्व मुख्यकार्यकारी स्वर्गीय स्टीव जाब्स के ईमेल के प्रारुपों की जांच केंद्रीय महत्व का विषय बन गयी है.
ये मेल जिसको भेजे जाने थे उसे नहीं गए हैं. जाब्स ने ये मेल ऐपल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ऐडी क्यू के लिए तैयार किए थे. क्यू को 2009 के आखिरी महीनों से 2010 के शुरुआती माह के बीच प्रमुख प्रकाशकों के साथ ईबुक की बिक्री के अनुबंधों पर बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गयी थी. अदालत स्टीव जाब्स के ईमेल के निहितार्थ को समझने का प्रयास किया. सरकारी वकील की दलील है कि इससे पता चलता है कि ऐपल ने प्रकाशकों के साथ मिलकर किताबों की खुदरा कीमतें उंची रखने की चाल चली थी जिससे आम ग्राहकों को करोड़ों डालर अतिरिक्त खर्च करने पड़े.
सरकार की दलील थी कि ऐपल ने आमेजन के साथ अपनी मूल्य प्रणाली में बदलाव के लिए प्रकाशकों को मजबूर किया. ऐपल का कहना है कि उसका आमेजन के प्रकाशकों के साथ हुए अनुबंध से कोई लेना देना नहीं है और ईबुक की ज्यादा कीमत प्रकाशकों ने तय की न कि ऐपल ने.