संयुक्त राष्ट्र : एंटिगुआ और बारबुडा के राजदूत जॉन डब्ल्यू एशे को संयुक्त राष्ट्र महासभा के आगामी 68वें सत्र का अध्यक्ष चुन लिया गया है. एशे न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में एंटिगुआ और बारबुडा के स्थायी प्रतिनिधि हैं.
चयन के ठीक बाद पद संभालने वाले एशे ने कहा कि 18 माह में यह वैश्विक संस्था सबके लिए सतत विकास का एजेंडा शुरु करेगी. यह ‘‘संयुक्त राष्ट्र की अब तक की सबसे ज्यादा स्पष्ट और महत्वाकांक्षी परियोजना होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अपने हाथ में लिए कार्यों को पूरा करना चाहते हैं, सफल होना चाहते हैं तो महासभा को उतना ही निर्भीक, महत्वाकांक्षी और सहयोगपूर्ण होना पड़ेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘विफलता कोई विकल्प नहीं है. आओ, दुनिया को दिखा दें कि हम अपने कार्यों में साहसी और निर्णायक हो सकते हैं.’’ एशे ने कहा कि हालांकि बीते समय के अनुभवों जैसे सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों आदि से सीखना महत्वपूर्ण है. साथ ही दो मुख्य लक्ष्यों पर ध्यान देते हुए नई और उभरती चुनौतियों पर विचार करना भी महत्वपूर्ण है. ये दो लक्ष्य हैं- गरीबी से उबरना और सतत विकास सुनिश्चित करना.
नव नियुक्त अध्यक्ष ने कहा कि सतत विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पक्षों की समग्रता के लिए नई साङोदारियां सर्वोच्च हैं. उन्होंने कहा, ‘‘2015 के बाद के विकास एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सोच में हुआ विकास परिलक्षित होना चाहिए.’’ आगे उन्होंने कहा, ‘‘यदि इसे और स्पष्ट तरीके से कहा जाए तो सतत विकास महासभा का काम है. यह हमारे अस्तित्व का कारण है.’’ उन्होंने कहा कि 68वें सत्र की थीम 2015 के बाद के विकास एजेंडे पर आधारित होगी और यह थीम होगी ‘‘आओ दृढ़ इच्छा के साथ आगे बढ़ें.’’ इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने एशे को बधाई देते हुए कहा है कि उनका ‘प्रभावी अनुभव’ सतत विकास और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को लेकर जताई चिंता के समाधान में उपयोगी साबित होगा.