थिंपू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 600 मेगावाट की खोलोंगचू पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी. यह भारत और भूटान के बीच एक संयुक्त उद्यम है. मोदी ने भूटान की संसद के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद कोर्टयार्ड से इलेक्ट्रानिक माध्यम से परियोजना की आधारशिला रखी.
तीन पनबिजली परियोजनाएं.. चुखा, ताला और कुरिचु पहले से ही परिचालन में हैं और इनकी कुल क्षमता 1,416 मेगावाट है. वहीं और तीन पनबिजली परियोजनाए.. पुनात्सांगचू..1 :1200 मेगावाट:, पुनात्सांगचू..2 :1020 मेगावाट: एवं मांगदेचू :720 मेगावाट: निर्माणाधीन हैं. इनके 2017..18 में चालू होने की संभावना है.
अप्रैल, 2014 में दोनों देशों ने संयुक्त उद्यम माडल के तहत 2120 मेगावाट की और चार पनबिजली परियोजनाओं के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. इनमें से 600 मेगावाट की खोलोंगचू पनबिजली परियोजना के लिए निर्माण..पूर्व गतिविधियां जल्द शुरु होंगी. यह परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम व द्रुक ग्रीन पावर कार्प के बीच संयुक्त उद्यम है.
एक भारतीय अधिकारी ने कहा, भूटान के साथ हमारा पनबिजली सहयोग दोनों देशों के लाभ के लिए एक अद्भुत उदाहरण है. पनबिजली परियोजनाओं से भूटान के लिए निर्यात राजस्व पैदा होगा, हमारे बीच आर्थिक साझीदारी मजबूत होगी और भारत को स्वच्छ एवं सस्ती बिजली मिलेगी.