क्वेटा : पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में ईरान से वापस आ रहे जायरीन की बसों पर आंतकवादियों के हमले में कम से कम 23 जायरीन मारे गए हैं. ईरान सीमा के पास तफ्तान इलाके के एक होटल के बाहर कल 10 बसों से आए शिया जायरीन रुके हुए थे तभी उनपर हमला किया गया.
बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर सरफराज बुगती ने संवाददाताओं को बताया कि लेवीज फोर्सेज और आंतकवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई जिसमें चार हमलावर भी मारे गए. बुगती ने कहा, जैसे ही जायरीन ने होटल में जाने के लिए बसों से उतरना शुरु किया वैसे ही आंतकवादियों के पहले समूह ने उनपर पहले तो अंधाधुंध गोलीबारी की और होटल में पहुंचने और शरण लेने से पहले उनपर ग्रेनेड भी फेंके. उन्होंने कहा कि गोलीबारी और बसों में विस्फोट की वजह से 23 जायरीन मारे गए.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन जैश-उल-इस्लाम ने हमले की जिम्मेदारी ली है. समूह के तथाकथित प्रवक्ता आजम तारिक ने क्वेटा के एक पत्रकार को अज्ञात जगह से फोन कर हमले की जिम्मेदारी ली.
प्रांत के गृह सचिव अकबर दुर्रानी ने पुष्टि की कि सुरक्षा बल नकाबपोश आंतकवादियों के साथ कुछ घंटों की भीषण गोलीबारी के बाद उनपर काबू पाने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि आंतकवादी भारी हथियारों के साथ कब्जा करने की तैयारी से आए थे.
दुर्रानी ने कहा, जायरीन के शव अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं और घायलों का इलाज किया जा रहा है. दुर्रानी ने कहा, जब बसें होटलों के बाहर रुकीं तो उनमें विस्फोट किया गया. इन होटलों में जायरीन को रात गुजारनी थी और अगले दिन अपनी यात्रा फिर से शुरु करनी थी. शिया संगठनों ने घोषणा की है कि वे हमले के विरोध में देशव्यापी विरोध करेंगे.
पिछले साल क्वेटा में बम विस्फोट में 200 के करीब शियाओं की मौत हो गई थी और इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित सुन्नी चरमपंथी समूह लश्कर-ए-झंगवी ने ली थी. जबकि जनवरी में प्रांत के मसतंग इलाके में ईरान से जायरीन को लेकर आ रही बस में विस्फोट किया गया जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई.