वाशिंगटन : अमेरिका के दो शीर्ष विशेषज्ञों ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के प्रयासों का सही दिशा में होना सुनिश्चित करने के लिए ओबामा प्रशासन को भारत के साथ खुफिया जानकारी संबंधी एवं आतंक-निरोधी सहयोग बढाने की जरुरत है.
प्रतिष्ठित ‘कार्नेगी एनडौमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ से जुडे जॉर्ज पेकोविक और टॉबी डाल्टन ने कल कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी के चयन का पहला फायदा 26 मई को देखने को मिला, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ शपथ ग्रहण समारोह में नई दिल्ली आए.’’ दोनों अमेरिकी विद्वानों ने कहा, ‘‘हालांकि यदि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी मोदी को प्रतिक्रिया देने के लिए भडकाने की उम्मीद में भारत पर हमला बोलते हैं तो शांति की उम्मीद लेकर शुरु होने वाली प्रक्रिया युद्ध में भी बदल सकती है. और इसके अमेरिका के लिए भारी परिणाम होंगे.’’
अमेरिका की अंतर्राष्टरीय मामलों की पाक्षिक पत्रिका नेशनल इंटरेस्ट में लिखते हुए कार्नेगी परमाणु कार्यक्रम से जुडे इन दोनों विद्वानों ने अमेरिका से अपील की है कि वह सीमापार से आने वाले इस तरह के किसी भी आतंकी प्रयास से बचने के लिए भारत के साथ खुफिया जानकारी की दिशा में सहयोग बढाए.