वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि वह आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाने को असंवैधानिक करार देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से भारत में समलैंगिकों, उभयलिंगियों और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) की स्थिति पर नजर रख रहा है.
दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड ई होएगलैंड ने जॉन्स हॉप्किंस स्कूल ऑफ ऐडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में कल कहा, विश्व में एलजीबीटी लोगों को समान अधिकार दिए जाने की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी हमारा काम समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विश्व भर में करीब 80 देशों में समलैंगिकता अपराध है और एलजीबीटी लोगों को मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, उत्पीडन, भेदभाव एवं हिंसा का सामना करना पडता है. उन्होंने कहा कि पांच देशों में आज भी समलैंगिकता ऐसा अपराध माना जाता है जिसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान है.
होएगलैंड ने कहा, हम भारत में स्थिति पर नजर रख रहे हैं जहां उच्चतम न्यायलय ने आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाने को असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका रुस और युगांडा में भी एलजीबीटी स्थिति पर भी नजर रख रहा है जहां समलैंगिक विरोधी कानून बनाए गए हैं.