इस्लामाबाद : प्रतिबंधित पाकिस्तानी तालिबान आज उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली क्षेत्र में अज्ञात स्थान पर सरकारी वार्ताकारों के साथ पहली सीधी वार्ता करने के बाद संघर्ष विराम जारी रखने पर सहमत हो गया. संघर्ष विराम जारी रखना सरकार की प्राथमिक मांगों में से एक था. तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान द्वारा घोषित एक महीने का संघर्ष विराम 30 मार्च को खत्म होने जा रहा था.
यह पहली सीधी वार्ता हिंसा के घातक चक्र का हल ढूंढने के लिए हुई. इस हिंसा ने 40 हजार लोगों की जान ले ली है. वार्ता के शीघ्र बाद स्थानीय मीडिया ने खबर दी कि तालिबान ने कहा है कि वार्ता प्रक्रिया के दौरान संघर्षविराम लागू रहेगा. वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे से गारंटी की मांग की. सरकारी दल के साथ तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के मनोनीत वार्ताकार भी थे.
सरकारी समिति के सदस्यों ने पहले पेशावर के लिए उडान भरी वहीं, तालिबान के प्रतिनिधि एक हेलीकाप्टर में सवार हुए जिसकी व्यवस्था गृह मंत्रलय ने की थी. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्यों ने वार्ता स्थल पर पहुंचने के बाद गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान को फोन किया.
बहु प्रतीक्षित सीधी वार्ता में सरकार की पुनर्गठित वार्ताकार समिति के सभी चार सदस्य, टीटीपी मध्यस्थ और तालिबान ‘शूरा’ के सदस्यों ने हिस्सा लिया. सरकार की नई समिति में पूर्व राजदूत रुस्तम शाह मोहम्मद, अतिरिक्त मुख्य सचिव फाटा अरबाब आरिफ, पोत एवं जहाजरानी सचिव हबीबुल्ला खटक और प्रधानमंत्री के अतिरिक्त सचिव फवाद हसन फवाद शामिल हैं.
तालिबान के मध्यस्थों में जमीयत उलेमा इस्लाम (सामी गुट) मौलाना सैमुल हक, जमात ए इस्लामी के इब्राहम खान और जेयूआई प्रवक्ता मौलाना युसूफ शाह शामिल हैं. यह बैठक कल होनी थी लेकिन खराब मौसम के कारण स्थागित कर दी गयी. गौरतलब है कि 24 मार्च को सरकार ने इस संबंध में रणनीति को अंतिम रुप दिया था जिसमें वार्ताकारों, गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान और आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल जहीरुल इस्लाम ने हिस्सा लिया था.