काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक होटल में चार बंदूकधारियों ने घुसकर हमला कर दिया, जिसमें दो कनाडाई नागरिक और एक अफगान पत्रकार, उनकी पत्नी और दो बच्चे सहित नौ लोग मारे गए.
अधिकारी इस बात से सन्न रह गए हैं कि आतंकवादी सख्त सुरक्षा वाले सेरेना होटल में घुसने में कामयाब हो गए, जिसे काबुल में रहने के लिए सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जाता है. कुछ हाई प्रोफाइल हमलों में गोलीबारी की यह ताजा घटना है क्योंकि तालिबान और इससे जुडे आतंकवादियों ने 5 अप्रैल के आम चुनाव से पहले हिंसा के अपने अभियान को तेज कर दिया है.
फ्रांस की सरकारी समाचार समिति एएफपी ने इस बात की पुष्टि की है कि मृतकों में 40 वर्षीय अफगान पत्रकार सरदार अहमद, उनकी पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं. एजेंसी ने बताया है कि परिवार के सबसे छोटे बेटे की आपात चिकित्सा चल रही है. वह हमले में बुरी तरह से घायल हो गया है.
अहमद काबुल प्रेसीस्तान मीडिया कंपनी भी संचालित करते थे और वह 2003 में एएफपी में शामिल हुए थे. वह काबुल में वरिष्ठ संवाददाता के पद पर थे. उन्होंने अफगानिस्तान में जीवन के हर क्षेत्र, युद्ध और राजनीति पर खबरें लिखी.
अफगान राजधानी में विदेशियों के खिलाफ बमबारी और गोलीबारी तेज होने के बीच काबुल में यह हमला हुआ है. इस महीने की शुरुआत में एक स्वीडीश पत्रकार को सडक पर गोली मार दी गई थी. तालिबान ने अगले महीने के चुनाव को बाधित करने के लिए हिंसा और खून खराबे का इस्तेमाल करने की धमकी दी है. 2001 में अमेरिका नीत हमले के बाद सत्ता हस्तांतरण के लिए राष्ट्रपति चुनाव सत्ता का पहला लोकतांत्रिक हस्तांतरण होगा.
अमेरिका नीत हमला इस्लामी आतंकवादी आंदोलन के खिलाफ किया गया था. राष्ट्रपति हामिद करजई पर तीसरे कार्यकाल के लिए संवैधानिक रुप से रोक है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि इससे जाहिर होता है, हमारे लोग, यदि किसी स्थान पर हमला करना चाहे तो वे इसे कर सकते हैं.