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अमेरिका में इन्फोसिस करेगी विस्तार, भारतीयों को नहीं 10 हजार अमेरिकियों को देगी नौकरी

नयी दिल्ली/वाशिंगटन : एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आईटी क्षेत्र के दो दिग्गज कंपनियों पर आरोप लगाये जाने के बाद इन्फोसिस ने वहां अपना विस्तार करने का फैसला किया है. आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में शुमार इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने अपना विस्तार करने के साथ […]

नयी दिल्ली/वाशिंगटन : एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आईटी क्षेत्र के दो दिग्गज कंपनियों पर आरोप लगाये जाने के बाद इन्फोसिस ने वहां अपना विस्तार करने का फैसला किया है. आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में शुमार इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने अपना विस्तार करने के साथ ही करीब 10,000 अमेरिकी नागरिकों को रोजगार देने का ऐलान किया है. बताया जा रहा है कि देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस अगले दो सालों में 10,000 अमेरिकियों को नौकरी देगी और वहां चार टेक्नॉलजी और इनोवेशन हब भी तैयार करेगी.

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भारत की यह आईटी कंपनी अमेरिकी H-1B वीजा नियमों पर कड़ाई से पैदा हुई परेशानी से निपटने के लिए यह कदम उठा रही है. इन नयी भर्तियों एवं सेंटरों के जरिये इन्फोसिस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, यूजर एक्सपीरियंस, क्लाउड और बिग डेटा जैसे नए तकीनीकी क्षेत्रों में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ायेगा.

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इन्फोसिस सीईओ विशाल सिक्का ने कहा कि इस साल अगस्त में इंडियाना में खुलनेवाला पहला हब साल 2021 तक 2,000 अमेरिकियों को जॉब देगा. उन्होंने कहा कि तीन अन्य केंद्रों के लिए जगहें कुछ महीनों में तय हो जायेंगी. ये केंद्र लोगों को न केवल टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की ट्रेनिंग देंगे, बल्कि फाइनेंशियल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, रिटेल और एनर्जी जैसी प्रमुख इंडस्ट्रीज के क्लायंट्स के साथ काम काम भी करेंगे.

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वित्त वर्ष 2016-17 में इन्फोसिस के कुल 10.2 बिलियन डॉलर के राजस्व का 60 फीसदी हिस्सा उत्तरी अमेरिकी बाजार से ही आया. हालांकि, सिक्का का कहना है कि ये कदम सिर्फ वीजा नियमों में कड़ाई से निपटने के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से आर्टिफिशल इंटलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी जैसी नयी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है और पारंपरिक प्रॉजेक्ट्स भी पूरी तरह स्वचालित हो रहे हैं.

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गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका समेत विभिन्न देशों में संरक्षणवाद को बढ़ावा मिल रहा है. इन देशों में स्थानीय लोगों को नौकरियों में अधिक से अधिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए विदेशी इंजिनियरों को रोका जा रहा है. अमेरिका ने इन्फोसिस और इसकी बड़ी प्रतिस्पर्धी कंपनी टाटा कंसल्टंसी सर्विसेज (टीसीएस) पर भी भेदभाव का आरोप लगाया.

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