आसनसोल: आसनसोल नगर निगम में पर्यावरण अधिकारी के पद पर कार्यरत तापस घोष ने फर्जी कर्मियों व पेंशन लाभुकों के नाम पर निकासी कर एक करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया. पुलिस के हाथों गिरफ्तार होने से पहले उसने अपने इन कार्यो का ब्यौरा सार्वजनिक रुप से दिया.
कैसे की गड़बड़ी
पर्यावरण अधिकारी श्री घोष ने मीडिया कर्मियों को बताया कि स्वयंभर गोष्ठी परिवेश बांधव के 187 कर्मियों से 30 अधिक फरजी कर्मियों के नाम पर वेतन भुगतान की बिलिंग की जाती थी. पिछले दस माह से वह ऐसा कर रहा था. गोष्ठी को चेक से राशि का भुगतान होने के बाद में उक्त राशि का एक हिस्से की चेक बनवा कर वह अपने एकाउंट में जमा कराता था. इसके लिए उसने नगर निगम के सफाई निरीक्षक सपन मित्र के फरजी हस्ताक्षर भी किये.
प्रति माह वह फिक्स राशि नहीं लेता था. उसका कहना है कि लालच वश उसने यह कार्य किया है. मेयर यदि उसे अपनी गलती सुधारने का मौका दे, तो वह राशि वापस कर अपनी गलती सुधार सकता है. जांच पड़ताल की जा रही है. उक्त गोष्ठी के अध्यक्ष शांति बागदी, सचिव तापस हाड़ी है. वह बीएसयूपी योजना के तहत नगर निगम में वर्ष 2008 से कार्यरत है. 2014 तक उनका कार्यकाल है. हालांकि वाहनों में ईंधन भरने के लिए किसी प्रकार की गड़बड़ी से इनकार किया है. तत्कालीन निगमायुक्त ने ईंधन के चार रसीद खोने की बात कह कर राशि भुगतान से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उसे 1600 रुपये निजी तौर पर देने पड़े थे.
25 घंटे तक रहा नगर निगम में
निगम सूत्रों के मुताबिक बुधवार की दोपहर एक बजे रवींद्र भवन से उसे नगर निगम लाया गया. तीन घंटे तक म्यूनिसिपल अभियंता कार्यालय में विभागीय पूछताछ के बाद उसे उपमेयर अमरनाथ चटर्जी के कक्ष में रखा गया. कार्यालय बंद होने के बाद उसे रात भर चार सुरक्षा कर्मियों के बीच रखा गया. मेयर तापस बनर्जी द्वारा एफआइआर करने के बाद पुलिस उसे गुरुवार की दोपहर सवा दो बजे उपमेयर कक्ष से गिरफ्तार कर थाना ले गयी. यह दृश्य देखने के लिए नगर निगम में आम नागरिकों की भारी भीड़ थी. निगम सूत्रों के मुताबिक रात में उसने चिकेन-भात खाया था. सुबह नाश्ते में टोस्ट व चाय लेने के बाद कचौड़ी- सब्जी भी खायी थी. नगर निगम अधिकारियों को आशंका थी कि उसे अकेला छोड़ने पर वह कहीं आत्महत्या न कर ले. इसलिए उसे कार्यालय अवधि शुरू होने तक पूरी सुरक्षा के साथ रखा गया था.
विपक्ष ने कहा- पहला घोटाला
आसनसोल नगर निगम के विपक्षी दल नेता तापस कुमार राय के नेतृत्व में विपक्षी पार्षदों ने मेयर तापस बनर्जी को ज्ञापन सौंपा. उनमें भाकपा पार्षदों में विनोद सिंह, कविता यादव, माकपा पार्षदों में दिलीप चक्रवर्ती, वशीमूल हक, विधान राय, तनमय गांगुली, शंकर दास, ममता पत्रनवीश, दिलीप मंडल, फारवर्ड ब्लॉक में अरुण मंडल शामिल थे. श्री राय का कहना है कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार इस तरह का घोटाला सामने आया है.
मेयर द्वारा सिर्फ वित्तीय कमेटी पर सारा दोष मढ़ देना सही नहीं है. वित्तीय कमेटी की बैठक के लिए तीन बार तिथि तय हुई, लेकिन नगर निगम का वर्तमान बोर्ड सहयोग नहीं कर रहा है. कई घंटों तक नगर निगम में पर्यावरण अधिकारी को कैद कर रखा गया. यह सरकारी कार्यालय है न की जेल. वृद्धा व विधवा पेंशन पाने वाले फरजी लाभुकों के नाम सामने आने पर मेयर श्री बनर्जी से वार्ड स्तर पर उनलोगों की सूची मांगी गयी, तो उन्होंने इसे देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग करने हुए कतिपाय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की गयी है.