पर्सनल कंप्यूटर का इस्तेमाल घर से लेकर दफ्तर तक आज हर किसी की जिंदगी का जरूरी हिस्सा है. बावजूद इसके हाल में आयी एक रिपोर्ट बताती है कि पिछली तिमाही में भारत में पीसी की खरीद में गिरावट आयी है.
अधिकतर कंपनियों में अब इंप्लाइज को पर्सनल कंप्यूटर मिलना पुरानी बात हो चुकी है. लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में भी सारा काम कंप्यूटराइज हो गया है. सुदूर गांवों को भी कंप्यूटर से जोड़ने की बात लंबे समय से चरचा में है. बेशक यह दृश्य देश में पीसी के बाजार में बढ़ोतरी की तसदीक करता है, लेकिन हकीकत यह है कि भारत में पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री घटी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही, यानी अक्तूबर-दिसंबर 2013 में पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री में 20 फीसदी गिरावट दर्ज की गयी है.
रिसर्च फर्म गार्टनर के मुताबिक इस तिमाही में पर्सनल कंप्यूटर बिक्री घटकर 19.60 लाख यूनिट रह गयी. लेकिन इस बार पीसी की खरीद में कमी की वजह टैब्लेट्स और लैपटॉप नहीं बतायी जा रही. हार्डवेयर में सरकारी खर्च कम होना, इस गिरावट की एक बड़ी वजह रही. वहीं मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के चलते कई कंपनियां भी पर्सनल कंप्यूटर की खरीद से पीछे हट रही हैं. लोकसभा चुनाव नजदीक होने के चलते सरकारी विभागों में भी पीसी की खरीद पूरी तरह स्थगित है.
इन तमाम चीजों ने पर्सनल कंप्यूटर बाजार को भले ही प्रभावित किया हो, बावजूद इसके कंप्यूटर कंपनी एचपी 21.3 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर बने रहने में सफल रहीं. वहीं डेल 18.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही और लेनेवो 15.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे पर. लेकिन मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि चौथी तिमाही में भारत में पीसी की बिक्री में उपभोक्ताओं का हिस्सा अब तक 49 फीसदी रहा है. इसे देखते हुए यह उम्मीद जगती है कि आनेवाले समय में पीसी के खरीदार बढ़ेंगे ही.