सोल : घोटालों में घिरी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क ग्वेन हाई ने आज कहा कि वह शीघ्र इस्तीफा देने की इच्छुक हैं और संसद को उनकी किस्मत का फैसला करने दिया जाए. आलोचकों का इसपर कहना है कि यह कदम आसन्न महाभियोग की प्रक्रिया में विलंब करने के प्रयास के तहत उठाया गया है.
पार्क का राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल इन आरोपों के साथ विवादों के घेरे में आ गया जिसमें कहा गया कि ‘कोरिया के रासपुतिन’ के नाम से मशहूर उनके करीबी वफादार चोई सून सिल ने सैमसंग समेत देश की कुछ शीर्ष कंपनियों से छह करोड़ रुपये से अधिक की राशि रिश्वत के तौर पर वसूल की. इसको लेकर दक्षिण कोरिया में लोगों में काफी गुस्सा है और हजारों लोग उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं.
टेलीविजन पर सीधा प्रसारित अपने भाषण में उन्होंने कहा, ‘‘मैं पद पर अपने कार्यकाल को (संभावित तौर पर) घटाने समेत पद से खुद को हटाए जाने का फैसला नेशनल असेंबली पर छोडूंगी.” उन्होंने कहा, ‘‘एकबार सांसद सत्ता का हस्तांतरण इस तरह से करने के कदमों के साथ आते हैं जो सत्ता में खालीपन और शासन में अव्यवस्था को कम करता है तो मैं इस्तीफा दे दूंगी.” मामले की जांच आगे बढ़ने पर पार्क को संदिग्ध के तौर पर नामजद किया गया है. इसके साथ ही वह देश की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं, जो पद पर रहते हुए आपराधिक जांच का सामना कर रही हैं.
जब तक वह पद पर बनी रहेंगी तब तक उनपर विद्रोह या देशद्रोह के अलावा किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया जा सकता लेकिन पद से इस्तीफा देने के बाद उनपर आरोप लगाए जा सकते हैं.
पिछले एक महीने से अधिक समय से हर सप्ताहांत में सोल में उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग को लेकर लोग भारी प्रदर्शन कर रहे हैं और विपक्षी पार्टियों का कहना है कि वे इस सप्ताह उन्हें पद से हटाने के लिए जल्द से जल्द मतदान की उम्मीद करते हैं.