रांची: रांची लोकसभा क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है. यहां पानी से लेकर बिजली की निर्बाध आपूर्ति लोगों के लिए सपना ही है. लोकसभा क्षेत्र में 200 किमी से अधिक क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन नहीं बिछायी जा सकी है.
किसी भी इलाके में बिना लोड शेडिंग के बिजली आपूर्ति नहीं की जाती है. सड़कों की हालत जजर्र है. गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में सफलता नहीं मिल सकी है. बीपीएल सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है. 4,51,890 राशन कार्ड के आवेदन पेंडिंग हैं. रांची शहर ट्रैफिक जाम से बेहाल है. राजधानी का सुंदरीकरण तो दूर की बात है, शहर को बेहतर करने का कोई उपाय नहीं किया गया. नयी राजधानी नहीं बनी. नया फ्लाइ ओवर बनाने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर करने के क्षेत्र में केवल खानापूरी की गयी है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर जैसे-तैसे सिटी बसों का परिचालन किया जा रहा है.
राजधानी में तीन फ्लाइ ओवर की डीपीआर तैयार कराने के बाद योजना ही ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. शहर से रोज निकलनेवाले 300 टन से अधिक कूड़े का प्रबंधन नहीं किया जा सका है.
सरकारी अस्पतालों की स्थिति बदतर है. भवन निर्माण पूरा होने के बावजूद सदर अस्पताल चालू नहीं किया जा सका है. रिम्स में सुविधाएं होने के बावजूद उचित प्रशासन का अभाव है. शहर के सभी क्षेत्रों में नियमित पानी सप्लाई नहीं हो पाती है. वीआइपी सड़कों को छोड़ अन्य सड़कों की स्थिति जजर्र है. सरकारी स्कूलों में व्यवस्था नहीं है. सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में आज भी बालिकाओं के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की जा सकी है.