पढ़ाई के दौरान रंगु सौरिया को शोषित महिलाओं की पीड़ा ने किया विचलित
दार्जीलिंग :दार्जीलिंग की पहाड़ियों में रहने वाली रंगु सौरिया एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने देशभर में देह व्यापार की पीड़िताओं को बचाने के लिए अपने निजी जीवन की भी परवाह नहीं की और उन्हें उनके इन प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है. रंगु ने पटना, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे कई शहरों में अधिकतर 18 वर्ष से कम आयु की 500 लड़कियों को देह व्यापारियों के चंगुल से बचाया है.
2004 से जारी है मुहिम : सिलीगुड़ी आधारित एक गैर सरकारी संगठन ‘कंचनजंगा उद्धार केंद्र’ से जुड़ी रंगु ने लड़कियों एवं महिलाओं को तस्करी से बचाने के लिए 2004 में पहला कदम उठाया था. रंगु कहती हैं कि वह जब दार्जीलिंग सरकारी कॉलेज में पढ़ती थीं तो उस समय उन्हें शोषित महिलाओं की पीड़ा ने हिलाकर रख दिया और इसके बाद उन्होंने उन्हें बचाने को ही अपने जीवन का मकसद बना लिया.
मिले कई पुरस्कार और सम्मान भी
रंगु सौरिया कहती हैं, मुझेगुंडे–माफिया ने कई बार धमकाया और कई बार भारी रकम का लालच देने की भी कोशिश की लेकिन मेरा लक्ष्य और सपना महिलाओं को उनके चंगुल से बचाना है. रंगु को उनकी बहादुरी और नेक काम के लिए ‘गॉडफ्रे फिलिप्स सोशल ब्रेवरी अवार्ड’ और फिक्की के ‘विमेन अचीवर्स अवार्ड-2009’ से सम्मानित किया गया है. उन्हें 20 से अधिक क्षेत्रीय संगठनों ने भी सम्मानित किया है.