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हमारी सोच से कहीं अधिक हैं आकाशगंगाएं

नासा के हबल टेलीस्कोप ने करोड़ों नयी आकाशगंगाओं का पता लगाया नासा के हबल टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष की गहराइयों में झांक कर तसवीराें की एक नयी शृंखला धरती पर भेजी है़ इनमें अंतरिक्ष के अथाह अंधेरे में झिलमिलाते अनेक प्रकाश बिंदु नजर आ रहे हैं. ये प्रकाश बिंदु दरअसल आकाशगंगाएं हैं. वैज्ञानिकों का कहना है […]

नासा के हबल टेलीस्कोप ने करोड़ों नयी आकाशगंगाओं का पता लगाया

नासा के हबल टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष की गहराइयों में झांक कर तसवीराें की एक नयी शृंखला धरती पर भेजी है़ इनमें अंतरिक्ष के अथाह अंधेरे में झिलमिलाते अनेक प्रकाश बिंदु नजर आ रहे हैं. ये प्रकाश बिंदु दरअसल आकाशगंगाएं हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे अनुमान से लगभग 10 गुणा ज्यादा आकाशगंगाएं हमारे ब्रह्मांड मेंमौजूद हैं.

इस ब्रह्मांड में हमारी सोच से कहीं अधिक आकाशगंगा (गैलेक्सी) हैं. हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में स्थित है, उसे हम मिल्की-वे के नाम से जानते हैं. इसके अलावा, एंड्रोमेडा, ओमेगा सेंचुरी, सेंटोरस सहित कई आकाशगंगाओं की खोज हो चुकी है, और अब भी हो रही है़ एक अनुमान के मुताबिक, पूरे ब्रह्मांड में मौजूद आकाशगंगाओं की संख्या हमारी धरती की जनसंख्या से भी अधिक है़ अंतरिक्ष में दूर-दूर तक फैली इन आकाशगंगाओं की खोज में लगे नासा के हबल टेलीस्कोप से हाल ही में मिली तसवीरों के अनुसार, करोड़ों नयी आकाशगंगाओं का पता लगा है़ खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हबल टेलीस्कोप द्वारा भेजी गयी तसवीरों और डेटा के आधार पर एक 3-डी मानचित्र तैयार किया, जिसमें उन्हें 100 से 200 अरब नयी आकाशगंगाओं का पता चला़ बताते चलें कि इन तसवीरों में अंतरिक्ष की गहराइयों में मौजूद वे आकाशगंगाएं भी नजर आयीं, जो खगोलविदों के सामान्य टेलीस्कोप्स की नजर से अब तक दूर थीं.

अंतरिक्ष की इन सुदूर आकाशगंगाओं के बारे में पता लगानेवाली टीम के सदस्य, दक्षिण अफ्रीका में यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन में प्रोफेसर रेनी क्रान कोर्टवेग बताते हैं, हमने कई तकनीकों का इस्तेमाल किया है, लेकिन केवल रेडियो अवलोकन से ही हम अपने मिल्की-वे के गुबारों और तारों की मोटी परत के आगे देखने में सफल हो पाये़ वह आगे कहते हैं, अमूमन एक औसत आकाशगंगा में 100 अरब तारे होते हैं, इसलिए मिल्की-वे के पीछे छिपे करोड़ों-अरबों नयी आकाशगंगाओं का पता लगना उन पुंजों की ओर इशारा करता है, जिनका अब तक पता नहीं चल पाया है़.

गौरतलब है कि यह अध्ययन क्रिस्टोफर कांसेलिस की अगुवाई में पिछले दिनों संपन्न हुआ़ ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफेसर क्रिस्टोफर के एक बयान के मुताबिक, यह जानना हैरतअंगेज है कि हम अब तक ब्रह्मांड की मात्र 10 प्रतिशत आकाशगंगाओं की ही खोज कर पाये हैं.

90 प्रतिशत आकाशगंगाओं के बारे में जानना अब भी बाकी है़ क्रिस्टोफर आगे कहते हैं, उम्मीद की जानी चाहिए कि आनेवाले दिनों में नये और उन्नत टेलीस्कोप्स की मदद से हम इन आकाशगंगाओं के बारे में और ज्यादा जान पायेंगे़ क्रिस्टोफर के मुताबिक, 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर पायी गयी इन नयी आकाशगंगाओं के बारे में करीब से जानने के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना होगा़

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