अबुजा: नाइजीरिया के चरमपंथी संगठन बोको हराम ने दो साल से भी अधिक समय पहले चिबोक के एक स्कूल से जिन 200 से अधिक छात्राओं का अपहरण किया था, उनमें से कुछ को मुक्त करा लिया गया है. मुक्त होने के बाद छात्राएं अपने परिवारों के पास पहुंचीं और अपनी पीड़ा परिवार और समाज के बीच साझा की.
राजधानी अबुजा में आयोजित स्वागत कार्यक्रम में इन छात्राओं ने बताया कि उन्हें 40 दिनों तक खाना-पीना नहीं दिया गया. मुक्त की गई ज्यादातर छात्राएं ईसाई हैं, लेकिन अपहरण के बाद बोको हराम ने इनका धर्म परिवर्तन कराया और इन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया.
एक छात्रा ने बताया कि 40 दिन तक भूखे रहने के बीच वह मरते-मरते भी बची. उसने बताया कि वह लकड़ियों के ढांचे में थी और बिल्कुल पास में विमान से बम गिराया गया जिसमें वह बाल-बाल बच गई.
स्वागत समारोह में लड़कियों के अभिभावक भी पहुंचे थे जो अपनी बेटियों से मिलकर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और फूट-फूट कर रोने लगे. सूचना मंत्री लई मोहम्मद ने कहा कि हम अभिभावकों के चेहरों पर खुशी और गम की भावनाओं का मिलाजुला रूप साफ देख सकते थे. उन्होंने बताया कि इस्लामिस्टों के साथ बातचीत तब तक जारी रहेगी जब तक सभी लड़कियों को मुक्त नहीं करा लिया जाता. बहुत ही जल्द एक और जत्था रिहा कर दिया जाएगा जो इससे अधिक बड़ा होगा.
देश के कई हिस्सों को जिहादियों से मुक्त कराने के बावजूद नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी की छात्राओं को रिहा करने में असफलता के लिए कड़ी आलोचना हो रही है. ये छात्राएं देश में कट्टरपंथी इस्लामिक स्टेट को स्थापित करने के लिए बोको हराम के क्रूर अभियान का प्रतीक बन गई थीं. बोको हराम ने वर्ष 2009 में नाइजीरियाई सरकार के खिलाफ हथियार उठाए था और तब से आतंकवादी घटनाओं में 20,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 26 लाख से अधिक लोग अपना घर त्याग चुके हैं.