लाहौर : पाकिस्तानी आतंकरोधी अदालत द्वारा गठित एक न्यायिक आयोग उस नाव की जांच करने अगले हफ्ते कराची जाएगा, जिस पर सवार होकर वर्ष 2008 में आतंकवादी मुंबई पहुंचे और वहां घातक हमले को अंजाम दिया था. उक्त हमले में 166 लोग मारे गये थे. आयोग अल-फौज नाव की जांच के लिए छह अक्तूबर को कराची जाएगा और कराची शिपयार्ड में जब्त पड़ी नौका को देखने वाले प्रत्यक्षदशियों के बयान भीदर्ज करेगा.
आतंकरोधी अदालत (एटीसी) के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग में संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) के अधिकारी, रक्षा वकील एवं अदालत के अधिकारी शामिल हैं.
एटीसी-इस्लामाबाद द्वारा पिछले हफ्ते मुंबई हमलों की सुनवाई के दौरान इस आयोग का गठन किया गया था, क्योंकि अदालत को बताया गया कि आतंकियों ने हमले में नाव का इस्तेमाल किया था. यह सुनवाई रावलपिंडी की अदियाला जेल में हुई थी. मुंबई 26..11 हमले में 166 लोग मारे गए थे और करीब 300 घायल हुए थे.
एटीसी न्यायाधीश ने नाव की जांच के लिए न्यायिक आयोग को भेजने का एफआइए का अनुरोध स्वीकार कर लिया क्योंकि नाव को अदालत में पेश करना मुश्किल था.
एफआइए के अनुसार हमलावरों ने मुंबई पहुंचने के लिए अल-फौज सहित तीन नावों का इस्तेमाल किया था.
अल-फौज कराची में पाकिस्तानी अधिकारियों के कब्जे में है. 23 नवंबर, 2008 को मुंबई में हमलों के लिए लश्करे तैयबा के दस आतंकी कराची से मुंबई के लिए रवाना हुए थे. वह एके-47 रायफल एवं हथगोलों से लैस थे.