ढाका : देश भर में मंगलवार को ईद-अल-अजहा (बकरीद) धूम-धाम से मनाया गया, लेकिन बांग्लादेश की राजधानी ढाका के लोगों ने ईद-उल-अजहा इस प्रकार मनाया जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है. राजधानी ढाका में त्योहार के दौरान रुक-रुककर बारिश हो रही थी जिसमें कुर्बानी दिए गए पशुओं के शव का खून मिलकर सड़क पर बहने लगा.
ढाका अटैक की याद में लोगों ने शहर की गलियों में भयावह माहौल बना दिया. भीड़ ने शहर की गलियों को बंद कर दिया और कुर्बान हुए पशुओं के खून से लाल कर दिया. इस घटना के बाद शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया ऐसा जलभराव जिसमें कुर्बान हुए पशुओं का खून था और वहां का दृश्य डरावना था.
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार गलियों में बह रहा यह खून ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो खून की नदियां प्रवाहित हो रहीं हो. हल्की बारिश के बावजूद लोग मस्जिदों में पहुंचे और वहां नमाज पढने के बाद रस्म के अनुसार बकरों की कुर्बानी दी.
खबर है कि यूं तो शहर में कुर्बानी के 1000 स्थान तय किए गए थे लेकिन लोगों ने अपनी सुविधा के चलते पशुओं की कुर्बानी अपनी गलियों में भी दे दी. सीमित स्थान होने के बावजूद कई लोगों ने पशुओं की कुर्बानी गलियों में और कुछ ने सुविधाजनक स्थानों पर दी जिसके बाद देखते ही देखते सड़क पर खून बहने लगा.