तुर्की ने उत्तर सीरिया में इस्लामिक स्टेट के तथाकथित ठिकानों पर बमबारी कर हमला बोल दिया है.
तुर्की ने इसके अलावा चरमपंथी कुर्दों के ख़िलाफ भी मोर्चा खोल दिया है.
तुर्की ने ज़ाराब्लूस और मनबीज शहरों में इनके ठिकानों पर गोलीबारी की है.
तुर्की से समर्थित करीब 1500 सीरियाई विद्रोही तुर्की के गज़ीयनटेप शहर में मौजूद है और हमले करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.
तुर्की ने यह हमला गज़ीयनटेप में हुए एक बम धमाके के बाद किया है. इस हमले में पचास से अधिक लोग मारे गए थे.
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यलदिरिम का कहना है कि गज़ीयनटेप में हुए चरमपंथी हमले को 12 से 14 साल की उम्र के बच्चे ने अंजाम दिया था.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों का हाथ हो सकता है.
सीरियाई सीमा के नज़दीक बसे गज़ीयनटेप में इस्लामिक स्टेट के कई सेल सक्रिय हैं.
गज़ीयनटेप में बीबीसी संवाददाता मॉर्क लोवेन का कहना है कि इस हमले से तुर्की में आत्मघाती हमलों को बढ़ावा मिल सकता है.
सीरिया के हालात की वजह से गज़ीयनटेप में पहले ही डर का माहौल है.
सीरिया युद्ध में शामिल होने से तुर्की में चरमपंथी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
तुर्की के विदेश मंत्री का कहना है कि,’उत्तरी सीरिया से इस्लामिक स्टेेट का पूरी तरह सफाया होना चाहिए.’
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