भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे हैं.
भाषण के आरंभ में उन्होंने भारत के गौरवशाली अतीत, इतिहास, परंपरा और विरासत को याद किया.
मोदी के भाषण की मुख्य बातें उन्हीं के शब्दों में –
लंबे संघर्ष के बाद मिले स्वराज को सुराज में बदलना भारत के सवा सौ करोड़ देशवासियों का कर्तव्य है.
देश में यदि समस्याएं हैं तो समाधान भी हैं.
देश की मौजूदा सरकार आक्षेपों से नहीं अपेक्षाओं से घिरी है.
गुड गवर्नेंस के लिए जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की ज़रूरत होती है.
मुझे देश की स्थिति बदलनी है और बदल कर रहूंगा.
आज सरकार के प्रयास से एक मिनट में 15000 रेल टिकट मिलना संभव हो गया है.
पहले पासपोर्ट पाने में सिफ़ारिश की ज़रूरत होती थी. हमने उस स्थिति को बदल दिया है. हफ्ते दो हफ्ते में नागरिकों को पासपोर्ट मिल जाता है.
हमने नौ हज़ार पद नए पद ढूंढ निकाले हैं जिनके लिए नौजवानों को इंटरव्यू नहीं देना पड़ेगा. उन्हें खर्च नहीं करना पड़ेगा. किसी की पैरवी नहीं करनी पड़ेगी.
पहले प्रतिदिन 70-75 किलोमीटर सड़कें बना करती थीं, हम उसे 100 किलोमीटर तक ले आए हैं.
हमने सौर ऊर्जा में के क्षेत्र में बहुत तरक्की की है.
आज हमने 70 करोड़ नागरिकों को आधार कार्ड के आधार पर सरकारी योजनाओं से जोड़ने का काम किया है.
साठ साल में 14 करोड़ लोगों को रसोई गैस कनेक्शन मिला था. हमने 60 सप्ताह में चार करोड़ नए लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया.
हमने क़ानूनों के जंजाल का बोझ कम करने का भी काम किया. हमने ऐसे 1700 क़ानून ढूंढ निकाले हैं जिसे निरस्त करने का काम किया जा रहा है.
देश के 18 हज़ार गांवों में से 10 हज़ार गांवों में बिजली पहुंच गई है.
दिल्ली से हाथरस जिले के नगला खटेला गांव तक पहुंचने में तीन घंटे का वक्त लगता है लेकिन वहां बिजली पहुंचने में 70 साल लग गए.
एलईडी बल्ब की क़ीमत हमने 350 रुपए से घटा कर 50 रुपए करने में क़ामयाबी हासिल की है. 13 करोड़ बल्ब बांटे जा चुके हैं और 77 करोड़ बल्ब बांटे जाने का लक्ष्य है. इससे देश की ऊर्जा में भारी बचत होगी. 20 हज़ार मेगावॉट बिजली बच जाएगी. सवा लाख करोड़ रुपए बच जाएंगे.
सरकार का स्वभाव होता है कि जहां न घुसना हो वहां घुस जाती है और जहां पहुंचना हो वहां नहीं पहुंच पाती.
दो साल देश में अकाल रहा. सब्जियों के दाम पर इसका असर होता है. उसके कारण कुछ दिक्कतें जरूर आईं. दाल का उत्पादन कम हुआ. लेकिन पहले के मुकाबले महंगाई की रफ्तार को रोकने में हमारी सरकार ने क़ामयाबी पाई है. मेरा संकल्प है कि मैं ग़रीब की थाली महंगी नहीं होने दूंगा.
दाल के संकट को देखते हुए देश के किसान ने पहल की और बुआई डेढ़ गुना ज्यादा की है. हमने दाल के उप्तादन के लिए किसान को प्रोत्साहित किया है.
90 से ज्यादा सिंचाई की योजनाएं ठप पड़ी थीं. अब तक हमने 77 हज़ार सोलर पंप बांटने में सफलता पाई है.
एक समय था कि खाद की कमी की वजह से किसान परेशान रहता था, फसल को बर्बाद होता देखता रहता था. लेकिन आज हमने किसानों तक खाद पहुंचाने में बहुत कामयाबी पाई है.
किसानों को संबल देने के लिए हमने फसल बीमा योजना शुरू की है.
2022 तक किसान की आमदनी को दोगुना करना मेरा सपना है.
हमें सरकार की पहचान बनाने से ज्यादा हिंदुस्तान की पहचान बनाने की फिक्र है.
नई योजनाएं घोषित करने से सरकारी पहचान बन जाती है. लेकिन पुरानी योजनाओं को छोड़ना नहीं चाहिए. सरकार का काम निरंतर चलता रहता है. हमने सर झुकाकर पुरानी सरकारों की योजनाओं को आगे बढ़ाया है.
नीति साफ हो नीयत स्पष्ट हो तब निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है. हमारी सरकार ने इनकी बदौलत आखिरी पायदान पर खड़े लोगों को लाभ पहुंचाया है.
उज्जवला योजना के तहत पांच करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने की योजना पर काम चल रहा है. बहुत कुछ हासिल भी कर लिया गया है.
हमने पोस्ट ऑफिस को पेमेंट बैंक बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं.
पिछले साल हमने लगातार घाटे में चल रही एअर इंडिया को ऑपरेशनल मुनाफ़े वाली एयरलाइन बनाने में क़ामयाबी हासिल की.
आधार कार्ड की व्यवस्था के तहत हमने बिचौलियों को खत्म किया और योजनाओं का लाभ सीधे लक्षित समूह तक पहुंचाने का काम किया है.
आज की दुनिया ग्लोबल इकोनॉमी वाली दुनिया है. हर देश आपस में जुड़े हुए हैं. हमें अपने देश को वैश्विक मानकों पर खरा उतारना पड़ेगा. तभी हम वक्त आने पर विश्व की अर्थव्यवस्था का नेतृत्व कर पाएंगे.
दुुनिया की सभी प्रमुख संस्थाओं ने भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की है.
दुनिया आज दुनिया का सबसे पसंदीदा देश बन गया है.
संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था ने अनुमान लगाया है कि दो साल के भीतर भारत की अर्थव्यवस्था दसवें नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगी.
हम महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.
हमने मां बनने पर मिलनेवाले वेतन सहित अवकाश को बढ़ाकर 24 हफ्ते का कर दिया है.
आज समाज में तनाव है. एक समय रामानुजाचार्य कहते थे उम्र और जाति के कारण अनादर न करो. महात्मा गांधी, अम्बेडकर, सभी ने सामाजिक एकता की बात कही.
सामाजिक बुराइयों के ख़िलाफ़ लड़ना होगा- होता है चलता है कहने से नहीं चलेगा.
समाज में जो बुराइयां हैं, जो समस्याएं हैं उसे दूर करने के लिए हमें लड़ना होगा, ठोस कदम उठाने होंगे.
सिर्फ़ आर्थिक प्रगति हिंदुस्तान की प्रगति की गारंटी नहीं है. सामाजिक न्याय के अधिष्ठान पर ही सशक्त देश का निर्माण होता है.
हमारी सरकार ने स्किल डेवलपमेंट को मिशन के तौर पर लिया है.
रोजगार बढ़ाने की दिशा में हम बहुत कुछ करना चाहते हैं.
आजादी के बाद 35 हज़ार से ज्यादा जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है. हम आज आजादी का जश्न उन्हीं के त्याग और बलिदान की बदौलत मना रहे हैं.
हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की बदौलत ही हमारा देश एक है.
देश को आगे बढ़ाने के लिए हिंसा को मिटाना ज़रूरी है.
ये देश हिंसा को कभी सहन नहीं करेगा, आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा, माओवाद के सामने नहीं झुकेगा.
मैं भटके हुए नौजवानों से कहना चाहता हूं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर देश को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें.
गरीबी से मिलकर लड़ने की ज़रूरत है. सभी पड़ोसियों को मिलकर गरीबी से लड़ना होगा. मैं उनके सहयोग का आह्वान करता हूं.
जब पेशावर में आतंकवादियों ने निर्दोष बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था. निर्दोष बालकों का रक्त बहाया गया था. हिंदुस्तान की संसद की आंखों में आंसू थे. भारत का हर बच्चा आंसू में डूबा था.
यही है हमारी मानवता से पली-बढ़ी संस्कृति है. लेकिन कुछ लोग आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित-बल्तिस्तान के लोगों ने मेरा आभार जताया है. दूरदराज बैठे लोग हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री का आदर करते हैं तो ये मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है. मैं उन लोगों का आभार जताना चाहता हूं.
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