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रियो में अबतक भारत का निराशाजनक प्रदर्शन, अब ललिता, खत्री और किशन से पदक की उम्मीद

रियो डि जिनेरियो : पिछले नौ दिन से पदक के लिए तरस रहे भारत को रियो ओलंपिक के दसवें दिन एथलीट ललिता बाबर से पहला पदक दिलाने की उम्मीद रहेगी जो महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में आज ट्रैक पर उतरेंगी. भारत का प्रदर्शन अब तक बेहद निराशाजनक रहा है. कुछ खिलाडियों ने जरुर प्रभावित […]

रियो डि जिनेरियो : पिछले नौ दिन से पदक के लिए तरस रहे भारत को रियो ओलंपिक के दसवें दिन एथलीट ललिता बाबर से पहला पदक दिलाने की उम्मीद रहेगी जो महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में आज ट्रैक पर उतरेंगी. भारत का प्रदर्शन अब तक बेहद निराशाजनक रहा है. कुछ खिलाडियों ने जरुर प्रभावित किया जिनमें जिम्नास्ट दीपा करमाकर भी शामिल हैं जो जिम्नास्ट में वॉल्ट में चौथे स्थान पर रहीं.

अब 100 से अधिक सदस्यों के दल की निगाह महाराष्ट्र की ललिता पर टिकी हैं जो 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में उतरेंगी. यदि वह पदक जीतने में सफल रहती हैं तो यह एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक होगा. सतारा की रहने वाली ललिता के लिए हालांकि यह आसान नहीं होगा जिन्होंने क्वालीफाइंग में लगभग सात सेकेंड के अंतर से नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था. ललिता पिछले 32 वर्षों में फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी हैं.

ललिता के अलावा एथलेटिक्स में रंजीत माहेश्वरी ( पुरुष त्रिकूद ), सर्वाणी नंदा ( महिलाओं की 200 मीटर दौड़ और सीमा पूनिया ( महिलाओं की चक्का फेंक ) भी आज अपनी अपनी स्पर्धाओं में उतरेंगे. पहलवान भी आज से अपना अभियान शुरु करेंगे. रविंदर खत्री ग्रीको रोमन शैली के 85 किग्रा में अपनी चुनौती पेश करेंगे. मुक्केबाजी में एकमात्र उम्मीद विकास कृष्ण पुरुषों के 75 किग्रा के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिये पदक पक्का करने की कोशिश करेंगे. भारत के लिए नौवां दिन निराशाजनक रहा. दीपा अपने पहले ओलंपिक फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद वॉल्ट में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूके गयीं.

त्रिपुरा की दीपा ने आठ महिलाओं के वाल्ट फाइनल में 15.066 अंक बनाये लेकिन पदक से चूक गयीं. इस तरह से नौवें दिन का भारत के लिये निराशाजनक अंत हुआ. दिन के शुरु में बैडमिंटन खिलाडी साइना नेहवाल तथा सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की टेनिस जोडी की पदक जीतने की उम्मीदों पर भी तुषारापात हुआ. भारतीय ओलंपिक दल को बडा झटका लगा जब पदक की दावेदार साइना महिला एकल के ग्रुप जी के अपने दूसरे मैच में अपने से कम रैंकिंग वाली उक्रेन की मारिया उलीटीना के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त झेलकर हो गयी.

साइना के घुटने में चोट थी। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाडी साइना को 39 मिनट चले मुकाबले में दुनिया की 61वें नंबर की खिलाडी के खिलाफ 18-21 19-21 से हार का सामना करना पडा. दो अन्य शटलर के श्रीकांत और पीवी सिंधू ने कुछ उम्मीद जगायी है. श्रीकांत ने 32 मिनट चले ग्रुप एच के अपने दूसरे मैच में स्वीडन के हेनरी हुर्साकेइनेन को 21-6 21-18 से हराया.

सिंधू महिला एकल के ग्रुप एम के मैच में 72 मिनट चले मैच में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन ली मिशेल को 19-21 21-15 21-17 से हराने में सफल रहीं। ये दोनों आज अगले दौर के मैचों के लिये कोर्ट पर उतरेंगे. भारतीय दल को सबसे अधिक निराशा सानिया-बोपन्ना की जोडी से मिली, जिन्हें मिश्रित युगल स्पर्धा के कांस्य पदक के प्ले आफ मैच में चेक गणराज्य के रादेक स्टेपानेक और लुसी हरादसेका से हार का मुंह देखना पडा. भारतीय जोडी ने लगातार दो जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाकर पदक की उम्मीदें बढा दी थी लेकिन उन्हें एक घंटे 13 मिनट में 1-6 6-7 से पराजय मिली.

पुरुष हाकी टीम ने 36 साल के बाद नाकआउट चरण के लिये क्वालीफाई किया था, लेकिन वह क्वार्टरफाइनल में बेल्जियम से 1 . 3 से हारकर बाहर हो गयी. निशानेबाजी में भरतीय अभियान का निराशाजनक अंत हुआ. गगन नारंग और चैन सिंह पुरुष वर्ग की राइफल थ्री पोजीशन के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहे. ओपी जैशा और कविता राउत महिला मैराथन में 150 एथलीटों में काफी पीछे रहीं.

जैशा 42.1 किमी की रेस में दो घंटे, 47 मिनट 10 सेकेंड का समय लेकर 89वें स्थान पर रही। कविता ने दो घंटे 59 मिनट 29 सेकेंड का समय लिया और वह 120वें स्थान पर रही. मुक्केबाज मनोज कुमार भी लाइट वेल्टरवेट :64 किग्रा: प्री क्वार्टरफाइनल बाउट में उज्बेकिस्तान के फैजलीद्दीन गैबनाजारोव से 0 . 3 से हार गये.

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