द पायोनियर ने लिखा है कि रियो ओलंपिक प्रशासन ने खेल मंत्री विजय गोयल का एक्रेडिटेशन रद्द करने की चेतावनी दी है.
खेल मंत्री ने उन जगहों पर अपने कुछ सहयोगियों के साथ जाने की कोशिश की जिनके पास एक्रेडिटेशन नहीं था.
इस दौरान कुछ सदस्यों के आक्रामक और रूखे बर्ताव को लेकर ये चेतावनी दी गई है.
रियो में उपमहाद्वीप प्रबंधक साराह पेटरसन ने भारतीय चीफ़-डे-मिशन राकेश गुप्ता को एक ख़त लिखा है कि ऐसी कई रिपोर्टें मिली हैं कि खेल मंत्री एक्रेडिटेशन वाली जगहों पर प्रवेश चाह रहे थे, उनके साथ ऐसे लोग थे जिनके पास यहां जाने की अनुमति नहीं थी. जब ओलंपिक कर्मचारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे तो उनका बर्ताव रूखा और आक्रामक था.
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि खुफ़िया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को चेताया है कि भारत प्रशासित कश्मीर में स्थानीय चरमपंथियों और अलगाववादी नेताओं के इशारे पर पाक दिवस मनाने के लिए ग्रामीण इलाक़ों में प्लेटफ़ॉर्म तैयार किए जा रहे हैं.
ये पहली बार है कि पाकिस्तान दिवस मनाने की तैयारी कथित तौर पर चल रही है, इसमें जगह-जगह पाकिस्तान के झंडे फहराए जाएंगे.
इसे रोकने पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में गुरुवार को एक बैठक बुलाई गई.
भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में पदक से दूर ही रह जाते हैं इसके पीछे क्या वजहें हो सकती हैं?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक ख़बर के मुताबिक़ चीनी सरकारी मीडिया ने इसके कारणों की चर्चा की है.
चीनी मीडिया ने ओलंपिक में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के छह कारण बताए हैं.
ये कारण हैं मूलभूत ढांचे की कमी, स्वास्थ्य की कमी, ग़रीबी, लड़कियों को खेलों से दूर रखना, लड़कों पर अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का दबाव, क्रिकेट की लोकप्रियता और ओलंपिक के बारे में ग्रामीण इलाक़ों में जानकारी की कमी.
चीनी मीडिया में कहा गया है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है लेकिन ओलंपिक में बहुत कम पदक जीत पाता है.
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे पहले मंत्री रहीं स्मृति ईरानी के फ़ैसले को पलटते हुए मैनेजमेन्ट संस्थान आईआईएम को अपने प्रमुख खुद चुनने का अधिकार देने की प्रधानमंत्री कार्यालय की सिफ़ारिश को मान लिया है.
पीएमओ की सिफ़ारिश के मुताबिक़ आईआईएम संस्थान के प्रमुख के चुनाव में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक ख़बर के मुताबिक़ गुरुवार को लोकसभा में दलितों के मुद्दे पर हुई बहस में हर नौ में से आठ सांसद नदारद रहे. सदन में केवल 60-65 सांसद ही आए.
भाजपा के लिए शर्मिन्दगी की बात ये थी कि जब केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का नाम भाषण के लिए पुकारा गया तो वो सदन में थे ही नहीं. हालांकि विपक्ष के हंगामे के बीच वो सदन में आए.
विपक्ष जिसने दलित उत्पीड़न पर बहस की मांग की थी उसके बहुत सांसद भी बहस में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे.
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