नयी दिल्ली : केंद्र ने अतिउत्साही गोरक्षकों के खिलाफ नकेल कसते हुए मंगलवार को सभी राज्यों से कहा कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति को बरदाश्त नहीं करें, जो गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेते हैं. ऐसे अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें. गृह मंत्रालय का यह परामर्श आने से दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतिउत्साही गोरक्षकों की निंदा की थी. परामर्श के अनुसार, किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को यह अधिकार नहीं देता है कि वे कथित गोहत्या को रोकने के लिए स्वयं कदम उठायें या कथित रूप से गलत काम करनेवालों को स्वयं सजा दें.
हाल में, कुछ मामले दर्ज किये गये हैं, जिनमें कुछ व्यक्तियों एवं समूहों ने गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लिया है. इसलिए राज्यों को आदेश दिया जाता है और उनसे यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि कानून अपने हाथ में लेनेवाले हर व्यक्ति के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाये और कानून के अनुसार उसे दंडित किया जाये. ऐसे लोगों को कतई बरदाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
दलितों के मुद्दे पर लोस में कल होगी चर्चा
संसद में मंगलवार को एक बार फिर दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठा. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलितों के विषय को उठाने की अनुमति मांगी और कहा कि इस विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा करायी जानी चाहिए. इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और सदस्य मिल कर इस बारे में विचार कर लें. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि दलितों पर अत्याचार से संबंधित गंभीर विषय उठाया गया है, जिस पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है. इसके बाद आम सहमति से तय हुआ कि गुरुवार को लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी.