म्यूनिख़़ के शॉपिंग मॉल में शुक्रवार को हुई गोलीबारी के मामले में पुलिस ने 16 साल के एक अफ़ग़ानिस्तानी किशोर को गिरफ्तार किया है.
पुलिस का कहना है कि यह किशोर गोलीबारी करने वाले डेविड अली सोनबोली का दोस्त है. इस गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 35 लोग घायल हो गए थे.
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गिरफ़्तार किशोर हमलावर की योजना में शामिल था या नहीं. क्या हमले में किशोर का भी हाथ था.
पुलिस ने पहले कहा था कि 18 साल के सोनबोली इस हमले की तैयारी एक साल से कर रहे थे.
पुलिस का कहना है कि उनके ग्लौक पिस्तौल थी, जो उन्होंने शायद ‘डार्क नेट’ (छिपे हुए इंटरनेट) से खरीदी थी.
म्यूनिख़ पुलिस ने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि उन्हें संदेह है कि गिरफ़्तार किशोर हमले में हमलावर के साथ था.
पुलिस के मुताबिक़ हमले के तुरंत बाद किशोर ने पुलिस को रिपोर्ट किया था. पुलिस ने उससे हमलावर से संबंधों को लेकर पूछताछ की थी. इस दौरान उसने कई विरोधाभासी बयान दिए थे.
इस बात की भी जांच की जा रही है कि फेसबुक पोस्ट पर जिस तरह से लोगों को म्यूनिख़ रेलवे स्टेशन के पास स्थित सिनेमा कॉम्पलेक्स में बुलाया गया था, उसमें यह किशोर शामिल था या नहीं.
हमले से पहले हमलावर ने अपने फर्जी फेसबुक एकाउंट पर लोगों को आमंत्रित करते हुए लिखा था,”फास्ट फूड रेस्टोरेंट आइए, जहां हमला शुरू हो रहा है.”
बवेरिया के पुलिस अधिकारी रौबर्ट हेमबर्गर के मुताबिक़ हमलावर पिछले एक साल से हमले की योजना बना रहा था. उन्होंने बताया कि उसके पास ग्लोक पिस्तौल थी जिसे उसने ठीक कराया था. इसे उसने डार्क इंटरनेट से खरीदा था. डार्क इंटरनेट विशेष सॉफ्टवेयर से चलाया जाता है.
उन्होंने कहा कि लगता है कि इस पिस्तौल का इस्तेमाल नाटकों में होता था. लेकिन यह पूरी तरह से काम कर रही थी.
उन्होंने कहा कि सोनबोली के माता-पिता अभी सदमे में हैं. इसलिए उनसे इस संबंध में उनसे बात नहीं हो पाई है.
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