
फ्रांस के नीस शहर में राष्ट्रीय दिवस ‘बास्तील डे’ पर आतिशबाज़ी देखने के लिए पहुंची भीड़ पर एक लॉरी के हमले में 84 लोगों की मौत हो गई है.
हमले में घायल 50 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, मरने वालों में कई बच्चे और किशोर भी हैं.
ट्रक का ड्राइवर लगभग दो किलोमीटर तक ट्रक दौड़ाता रहा जिसके बाद पुलिस ने उसे गोली मार दी.
पुलिस ने हमलावर की पहचान मोहम्मद लावेइज़ बूहलल के रूप में की है.

पुलिस को ट्रक के अंदर मिले कागज़ात के मुताबिक 31 साल का बूहलल फ्रांसीसी ट्यूनीशियाई नागरिक था और नीस में रह रहा था.
पहले छोटे मोटे अपराधों के मामलों में उसका पाला पुलिस से पड़ चुका था, लेकिन उसका नाम निगारानी के दायरे में रखे जाने वालों की सूची में नहीं था.

पेरिस के अधिकारी फ्रांसुआ मोलिन्स ने कहा कि बूहलल का तलाक हो चुका था और उसके तीन बच्चे हैं. शुक्रवार सुबह उसकी पूर्व पत्नी को हिरासत में ले लिया गया. नीस ट्रेन स्टेशन के पास उसके फ़्लैट में पुलिस ने तलाशी ली.
पुलिस ने कहा बुहलाल के पास ऑटोमैटिक पिस्तौल, बुलेट, नकली ऑटोमैटिक पिस्तौल और नकली कलश्निकोव और एम16 राइफलें और एक खाली ग्रेनेड छे. ट्रक से ड्राइविंग लाइसेंस और एक बैंक कार्ड मिला है.
वहीं फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में लावेइज़ बुहलल के हमले का शिकार हुए एक शख्स ज्यां बाप्टिस्ट शिमेन्स ने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि उसे जेल में होना चाहिए था, न्याय कहां है, ये दुनिया छोटी सी है और ऐसे लोगों को आज़ाद नहीं घूमने दिया जाना चाहिए.
कौन थे मारे गए लोग?
मारे गए 84 लोगों में फ़ातिमा चारिही शामिल थी, उनके बेटे ने बताया कि वो ट्रक हमले में मरने वालों में पहली थीं.
मरने वालों में जर्मनी, रूस , अमरीका और आर्मेनिया के लोग शामिल हैं.
जर्मनी से स्कूल ट्रिप पर आए तीन लोग भी मरने वालों में शामिल हैं.

नीस में छुट्टियां मनाने आए एक अमरीकी लड़का ब्रॉडी कोपलैंड और उसके पिता शॉन भी शामिल थे.
मरने वालों में कई बच्चे शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक 202 घायल लोगों में 54 बच्चे हैं जिनका लेनवॉल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
कौन है हमले के पीछे ?
अभी इस बात की जांच चल रही है कि ट्रक ड्राइवर के साथ इस हमले में और कोई शामिल था या नहीं.
फ्रांस के प्रधानमंत्री मानुअल वॉल्स ने कहा है कि हमलावर किसी न किसी तरह इस्लामिक कट्टरपंथ से जुड़ा था. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि वो किस तरह कट्टर इस्लामिक सोच से जुड़ा था इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती.
किसी भी चरमपंथी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद कह चुके हैं कि ये चरमपंथी हमला था इससे इनकार नहीं किया जा सकता.
इस हफ्ते की शुरूआत में फ्रांस के डीजीएसआई आंतरिक सुरक्षा संगठन ने वाहनों और बमों से हमले की चेतावनी दी थी.
क्या हुआ था ?
स्थानीय समयानुसार गुरुवार रात के करीब साढ़ दस बजे नीस में समुद्र तट के करीब बास्तील डे के मौके पर लोग आतिशबाज़ी का आनंद उठाकर लौट रहे थे तभी एक बड़ी सफेद लॉरी भीड़ पर अंधाधुंध दौड़ आई.
चश्मदीदों के मुताबिक वो लॉरी को रुक-रुक कर चला रहा था. पुलिस अधिकारियों ने उस पर गोलियां चलाईं और उसने भीड़ की ओर तेज़ी से लॉरी दौड़ाई.

फिर ड्राइवर दो किलोमीटर तक लॉरी दौड़ाता रहा.
फ्रांस में हमले के बाद उच्चतम चरमपंथ विरोधी एलर्ट जारी किया गया है.
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलां और प्रधानमंत्री मानुअल वॉल्स ने नीस का दौरा किया और आपातकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने का ऐलान किया.
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