हिजबुल मुजाहीदीन के कथित कमांडर बुरहान वानी की शुक्रवार को मुठभेड़ में हुई मौत के बाद शुरू हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 23 हो गई है.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ताज़ा झड़पों में हुई गोलीबारी में रविवार देर रात तक पांच लोगों की मौत हो गई.
इसके अलावा इस तरह के प्रदर्शनों में घायल हुए लोगों में से पांच लोगों की रविवार को मौत हो गई.
इन घटनाओं में पुलिस के एक जवान की मौत उस समय हो गई जब उसकी गाड़ी को उग्र भीड़ ने अनंतनाग में झेलम नदी में धकेल दिया.
त्राल और शोपियां में उग्र भीड़ ने दो पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया.
प्रदेश सरकार की ओर से की गई शांति बनाए रखने की अपील का कोई अबतक कोई असर होता हुआ दिख नहीं रहा है. क्योंकि अभी कर्फ्यू में ढील नहीं दी गई है.
केंद्र सरकार ने रविवार को क़रीब दो हज़ार अतिरिक्त सुरक्षा बलों को यहां भेजा था, उन्हें अब तैनात कर दिया गया है. इस वजह से अभी सभी ज़िलों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
बुरहान की मौत शुक्रवार को हुई थी, ऐसे में ईद की वजह से लोगों के घरों में खाने-पीने की पर्याप्त सामग्री थी, इसलिए उन्हें अबतक कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन अब अगर कर्फ्यू लंबा खिंचा तो लोगों को खाने-पीने के सामान और दवाओं की किल्लत हो सकती है.
बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में तो अभी भी लोगों को दिक्कतें पेश आ रही हैं, रविवार को ऐसी शिकायतें आईं कि सुरक्षा बल और कई जगह प्रदर्शनकारी एंबुलेंसों को भी निशाना बना रहे हैं.
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