यूरोपीय फ़ुटबॉल संघ (यूएफ़ा) ने यूरो 2016 में हंगरी, बेल्जियम और पुर्तगाल के फ़ुटबॉल संघों पर आरोप तय कर दिए हैं.
इन देशों के समर्थकों के हुड़दंग और उपद्रवी बरताव की वजह से इन फ़ुटबॉल संघों पर ये आरोप तय किए गए हैं.
हंगरी की फ़ेडरेशन पर उसके समर्थकों के भीड़ में गड़बड़ी फैलाने, आतिशबाज़ी करने और आइसलैंड के साथ मैच ड्रॉ होने के बाद मैदान पर चीज़ें फेंकने के आरोप तय किए गए हैं.
उधर बेल्जियम संघ पर आतिशबाज़ी करने और आयरलैंड पर जीत के बाद मैदान पर चीज़ें फेंकने के आरोप तय किए गए हैं.
पुर्तगाल पर आस्ट्रिया के साथ मैच बराबरी पर छूटने के बाद मैदान में धावा बोलने के आरोप तय किए गए हैं.
हंगरी के मामले पर 21 जून को सुनवाई होगी, जबकि अन्य दो संघों की सुनवाई के लिए अभी तारीख़ तय होनी है.
सोमवार को पता चलेगा कि 17 जून को सेंट इटियेन में क्रोएशिया के चेक गणराज्य के साथ 2-2 से ड्रॉ के बाद उसके समर्थकों के उद्दंड की वजह से क्रोएशिया को दंडित किया जाएगा या नहीं.
रेफरी मार्क क्लैटनबर्ग को मैदान पर फ़ैंस के पटाख़े फेंकने की वजह से कुछ देर के लिए खेल को रोकना पड़ा. एक पटाखा उस कर्मचारी के नज़दीक फटा जो उसे हटाने का प्रयास कर रहा था.
इससे पहले टूर्नामेंट में रूस की फ़ुटबॉल यूनियन पर डेढ़ लाख यूरो का जुर्माना लगाया गया था.
यूएफ़ा ने रूस को चेतावनी दी थी कि इंग्लैंड के साथ उनके मैच के दौरान जो हिंसा हुई थी वैसी दोबारा हुई तो उसे यूरो कप के लिए अयोग्य क़रार दिया जाएगा.
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