
भारत में सबसे ज़्यादा अंतर्जातीय विवाह मिजोरम में होते हैं. नेशनल काउंसिल ऑफ़ एप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के एक सर्वे से ये बात पता चली है.
मिजोरम में 55 प्रतिशत शादियां अंतर्जातीय होती है.
एनसीएआईआर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 95 फ़ीसदी शादियां समान जाति में होती है.
लेकिन मिजोरम इसका अपवाद है. यहां की 87 फ़ीसदी आबादी ईसाई है.
अंतर्जातीय विवाह के मामले में 46 प्रतिशत के साथ मेघालय दूसरे और 38 प्रतिशत के साथ सिक्किम तीसरे पायदान पर है.
इंडियन ह्यूमन डेवलपमेंट सर्वे के मुताबिक अंतर्जातीय विवाह के मामले में जम्मू कश्मीर चौथे और गुजरात पांचवें पायदान पर है.

इस सर्वे में भारत के 33 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 41,554 घरों को शामिल किया गया है.
इस सर्वे से ये भी पता चला है कि भारत में एक ही जाति में सबसे ज़्यादा शादी मध्य प्रदेश में होती है. मध्य प्रदेश में 99 प्रतिशत लोग अपनी ही जाति में शादी करते हैं.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 98 फ़ीसदी शादियां समान जाति में होती है.
वैसे भारत में क़ानूनी तौर पर लोग अतर्जातीय विवाह कर सकते हैं, इससे संबंधित क़ानून देश में 50 साल से भी लंबे समय से लागू है.

लेकिन अपनी जाति से अलग जाति में शादी करने वाले लोगों को अकसर अपने परिवार वालों के विरोध और कई बार हिंसा का सामना करना पड़ता है.
बावजूद इसके समाज में धीरे धीरे बदलाव आ रहा है. सर्वे में शामिल 27 फ़ीसदी लोगों ने माना है कि वे अपने समुदाय में ऐसे लोगों को जानते हैं जिन्होंने दूसरी जाति में शादी की है. शहरों में यह आंकड़ा 36 फ़ीसदी तक पहुंचता है.
इस सर्वे में शामिल शोधकर्ताओं में एक एनसीएईआर के सीनियर फेलो सोनाल्डे देसाई ने बताया, “मुझे इस बात पर अचरज है कि चार में से केवल एक आदमी अंतर्जातीय विवाह करने वाले किसी को जानने वाला मिला.”
( इंडियास्पेंड के रिसर्च पर आधारित)
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