दिन में 12 बार लंबा और गहरा सांस लेने से यह प्रक्रि या आपको तंदरुस्त रखने में मदद करती है.
नई दिल्ली : सांस यानी श्वास लेने के सही तरीके से सेहत और सोच के संवारा जा सकता है. सांस जीवन का आधार हैं और बिना इसके कोई जीवित नहीं रह सकता. अकूत धन होने के बाद भी इसे खरीदा नहीं जा सकता. गीता में योगेश्वर कृष्ण ने नासाग्र पर नजर रखने के रहस्य बताए हैं. कहते हैं कि अगर आप दिन में 12 बार लंबा और गहरा सांस लेते है तो यह प्रक्रि या आपको तंदरु स्त रखने में मदद करती है.
मिसाल के तौर पर अगर आपको रात में नींद नहीं आ रही हो तो लंबी और गहरी सांस ले जिससे नींद जल्दी और गाढ़ी आती है. सांस लेना जीवन की एक सामान्य व्यक्ति हर मिनट 15 बार सांस लेता छोड़ता है. इस तरह वह पूरे दिन में लगभग 21,600 बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रि या करता है. सांस लेने और छोड़ने का हमारे मन और भावों से गहरा सम्बन्ध है. जब भी मन में नकारात्मक विचार तथा प्रवृत्तियां आती हैं, सांस लेने और छोड़ने की गति तेज हो जाती है. लययुक्त, गहरी तथा धीमी श्वसन प्रक्रि या से मन को शांत, स्थिर तथा एकाग्र बनाया जा सकता है.