वाशिंगटन : अमेरिका के सीनेटरों ने करदाताओं के धन से पाकिस्तान को 70 करोड डॉलर के आठ एफ-16 लडाकू विमान खरीदने में सैन्य मदद देने का कडा विरोध जताते हुए आतंकी संगठनों के खिलाफ लडने की इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया है. हालांकि अपने राजनीतिक कारणों के चलते इन सीनेटरों ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लडाकू विमानों की बिक्री न करने वाले प्रस्ताव को पटल पर रखने की मंजूरी नहीं दी.
हालांकि सीनेट की विदेश संबंधों की समिति की उपेक्षा करते हुए पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की बिक्री के खिलाफ फैसला लेने के कदम को सीनेट ने 71-24 वोटों के अंतर से नामंजूर कर दिया। कांगे्रस के सूत्रों ने पीटीआई भाषा को बताया कि लगभग दो दर्जन प्रभावशाली सीनेटर कांग्रेस में मौजूद पाकिस्तान-विरोधी भावनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं. सीनेटरों ने पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री न करने से जुडे प्रस्ताव को पटल पर रखने से रोकने के पक्ष में मतदान किया लेकिन किसी भी सीनेटर ने इस्लामाबाद के समर्थन में बात नहीं कही.
वास्तव में, अपनी पार्टी लाइनों से उपर उठते हुए सीनेटरेां ने पाकिस्तान के ‘दोहरे’ रवैये की ओर इशारा किया और एक आवाज में कहा कि वे ओबामा प्रशासन को करदाताओं के धन का इस्तेमाल पाकिस्तान को एफ-16 लडाकू विमानों की बिक्री के लिए नहीं करने देंगे. सीनेट की शक्तिशाली विदेश संबंधों की समिति के अध्यक्ष और सीनेटर बॉब कोरकर ने कहा कि वह पाकिस्तान को लडाकू विमान देने के लिए अमेरिकी सब्सिडी पर से ‘पकड’ नहीं छोडने वाले. दूसरे देशों को की जाने वाली सैन्य बिक्री इसी समिति के अधिकार क्षेत्र में आती है.
कोरकर ने सीनेट में कहा, ‘‘इस समय इस बिक्री को मदद पहुंचाने के लिए किसी भी करदाता के डॉलरों का इस्तेमाल करने का मेरा विरोध जारी है क्योंकि पाकिस्तान आतंकी समूहों को पनाहगाह उपलब्ध करवा रहा है और अमेरिकी सैनिकों पर हमला बोलने वाले एवं अफगानिस्तान के भविष्य को खतरे में डालने वाले हक्कानी नेटवर्क को निशाना बनाने से इंकार करता है.” कोरकर ने कहा, ‘‘करदाता सब्सिडी पर रोक लगाकर पाकिस्तान को एक जरुरी संदेश दिया जा सकता है कि उसे अपने रवैया बदलने की जरुरत है. लेकिन अमेरिकी विमान की खरीद से रोकने पर अच्छे से ज्यादा बुरा हो जाएगा क्योंकि तब रुस और चीन जैसे देशों के लिए पाकिस्तान को बिक्री करने का रास्ता खुल जाएगा और आतंकवाद-रोधी कदमों में वृहद सहयोग भी अवरुद्ध हो जाएगा.”