
चीन की संसद ने इस साल 6.5 से 7 प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य तय किया है जो कि भारत के इसी अवधि के लिए अनुमानित विकास दर से कम है.
यह बात प्रधानमंत्री ली केकियांग के लिखित भाषण में कही गई है जो वह बीजिंग में होने वाली नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक में देंगे.
भारत में हाल में आए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक़ मौजूदा वित्त वर्ष और 2016-17 में विकास दर के 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
चीन के 1982 के संविधान के मुताबिक़ नेशनल पीपुल्स कांग्रेस चीन की सर्वोच्च संस्था है. हालांकि आलोचक इसे महज रबर स्टैंप मानते हैं.
इस वार्षिक बैठक में देश का आर्थिक और राजनीतिक एजेंडा तय किया जाएगा. यह बैठक ऐसे वक़्त हो रही है जब चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो रही है.

बैठक में पांच साल की योजना को भी मंजूरी मिलने की संभावना है.
ली के भाषण में कहा गया है कि 6.5 से 7 प्रतिशत का अनुमानित विकास लक्ष्य तय करते समय हमने समाज के सर्वांगीण विकास और ढांचागत सुधारों को आगे बढ़ाने की ज़रूरतों पर भी ध्यान दिया है.
पिछले साल यानी 2015 में चीन ने सात प्रतिशत का विकास लक्ष्य तय किया था जबकि अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी. यह 25 साल में चीन की सबसे कम विकास दर है.
ली यह भी बताएंगे कि महंगाई की दर करीब तीन प्रतिशत और बेरोज़गारी की दर साढ़े चार प्रतिशत के आसपास रहेगी.
इस बीच चीन की सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने बजट रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश के रक्षा बजट में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी.
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