नयी दिल्ली: एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई एवं बेंगलूर सहित भारत के विभिन्न शहरों में 10 व्यक्तियों में से एक हाइपोथाइरोडिज्म से ग्रसित है. इस रोग में थायरायड ग्रंथि प्रभावित हो जाती है.
थायरायड के बारे में प्रमुख दवा कंपनी एबाट इंडिया द्वारा जारी अध्ययन ‘‘थायरायड एपिडेमिओलाजिकल स्टडी’’ के अनुसार भारत के आठ शहरों में 5360 लोगों के अध्ययन में पाया गया कि 11 प्रतिशत लोग हाइपोथाइरोडिज्म से पीड़ित हैं.
अध्ययन में दिल्ली में 1436 व्यक्तियों को शामिल किया गया था जिनमें 11 प्रतिशत से अधिक हाइपोथाइरोडिज्म से ग्रसित थे.एबाट इंडिया के प्रबंध निदेशक रेहान ए खान ने कहा कि शहर आधारित अध्ययन से भारत में आयोडीन पर जोर दिये जाने के बाद थायरायड समस्या की वास्तविक तस्वीर उभर सकेगी.विशेषज्ञों के अनुसार यदि उपचार नहीं किया गया तो हाइपोथाइरोडिज्म से कोलोस्ट्राल का स्तर बढ़ जाता है, रक्तचाप में वृद्धि होती है, कार्डियोवस्कुलर जटिलताओं की दर में इजाफा होता है, प्रजनन क्षमता घटती है और अवसाद बढ़ता है.