नयी दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हथियार खरीद डिल में पाकिस्तान को करारा झटका लगा है. उसकी वजह बनी है भारत की विदेश नीति. जी हां, भारत की ओर से कड़ी आपत्ति करने के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान से जेएफ-17 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना टाल दी है. गत मगंलवार को श्रीलंका ने पाक से लड़ाकू विमान खरीदने का अनुबंध किया था. यह सौदा 2675 करोड़ रुपये का था. जिसमें एक विमान की कीमत तकरीबल 35 मिलियन डॉलर लगाई गयी थी.
भारत ने श्रीलंका को पड़ोसी धर्म का निर्वाह करते हुए उसे फाईटर प्लेन के निगेटिव पक्ष को श्रीलंका के सामने रखा और श्रीलंका को बताया कि इस विमान के खरीदने से उसे कोई खास फायदा नहीं होगा. भारत ने श्रीलंका को विमान के इंजन के निर्माण की पूरी जानकारी दी. पाकिस्तान से श्रीलंका की बातचीत हुई थी जिसमें थंडर लड़ाकू विमान श्रीलंका को बेचने को लेकर काफी उत्सुक था.
इस सौदे के तहत पाकिस्तान श्रीलंका को एक दर्जन विमान बेचने वाला था. पहले चीन और अब पाकिस्तान इन विमानों को खुद ही बनाता है. भारत की विदेश नीति यह मानती है कि यदि यह सौदा हो जाता तो श्रीलंका में ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान और चीन को श्रीलंका में रहने का मौका मिलता. जो भारत के लिए ठीक नहीं है. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक वह विमान श्रीलंका और भारत के हित के लिए ठीक नहीं था. इसलिए भारत ने श्रीलंका को उसकी नाकामियों के बारे में बताया.गौरतलब हो कि हाल के दिनों में लिट्टे से जंग जीतने के बाद श्रीलंका अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. हर साल देश द्वारा रक्षा खर्चों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. श्रीलंकन सरकार रक्षा मद में 200 अरब डॉलर खर्च करने के मूड में है.