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खुद का कारोबार करने की ख्वाहिश रखते हैं भारतीय युवा

ऑफिस में आठ से दस घंटे काम करने के बाद भी मनचाही तन्ख्वाह न मिलने और दिन-प्रतिदिन जिंदगी की जरूरतों के बढ़ते रहने के बीच एक ही विकल्प बचता है और वह है खुद का कारोबार कर अच्छा मुनाफा कमाना. भारत में भी खुद का कारोबार करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. भले ही विश्व […]

ऑफिस में आठ से दस घंटे काम करने के बाद भी मनचाही तन्ख्वाह न मिलने और दिन-प्रतिदिन जिंदगी की जरूरतों के बढ़ते रहने के बीच एक ही विकल्प बचता है और वह है खुद का कारोबार कर अच्छा मुनाफा कमाना. भारत में भी खुद का कारोबार करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.

भले ही विश्व में नौकरी की संभावाएं कम होती नजर आ रही हैं, लेकिन कैरियर को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए भारतीय युवाओं में खुद का कारोबार करने का जज्बा तेजी से बढ़ रहा है. इतना ही नहीं अन्य देशों के युवाओं की अपेक्षा भारतीय युवा जल्द ही अपने व्यवसाय को व्यवस्थित करने की ख्वाहिश रखते हैं.

हाल में चार्टर्ड इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंट्स द्वारा वैश्विक स्तर पर किये गये एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि भारतीय युवा 33 वर्ष की आयु में अपना खुद का कारोबार करना चाहते हैं, जबकि अन्य देशों के युवा 36 वर्ष की आयु में ऐसा करने की ख्वाहिश रखते हैं. सर्वे में यह तथ्य भी सामने आया है कि 34 प्रतिशत युवा 30 वर्ष कि आयु तक सीनियर मैनेजर के पद पर कार्य करना चाहते हैं, वहीं 17 प्रतिशत युवा अपने ही बॉस जैसा यानी निदेशक बनना चाहते हैं. 67 प्रतिशत युवा ऐसे संस्थान में काम करना पसंद करते हैं, जो उन्हें अच्छी तनख्वाह दे. वहीं 36 प्रतिशत युवा ऐसा करोबार करने को प्राथमिकता देते हैं, जो अपने देश के साथ उन्हें विदेश में भी तरक्की पाने का अवसर प्रदान करे.

मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाले 31 वर्षीय साहिल शर्मा कहते हैं कि आज के दौर में रिस्क तो हर जगह है, लेकिन सोची-समझी प्लानिंग के साथ अपने कारोबार में लिया गया रिस्क अकसर लोगों को कम समय में अधिक मुनाफा दिला देता है. वहीं नौकरी करनेवालों की बात करें, तो वे पूरी लगन के साथ काम करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत का प्रॉफिट उन्हें मिलने की बजाय कंपनी को मिलता है. जाहिर है कि खुद का कारोबार करना किसी कपंनी में नौ से पांच की नौकरी करने से कहीं ज्यादा बेहतर है.

दो वर्षो से गारमेंट्स का बिजनेस चलानेवाली 29 वर्षीय गरिमा माथुर भी खुद के कारोबार को नौकरी से ज्यादा बेहतर बताती हैं. गरिमा कहती हैं कि तीन साल नौकरी करने के बाद ही मैंने अपना खुद का व्यवसाय करने का फैसला किया. मेरे लिए यह मुनाफा कमाने के साथ-साथ अपनी पहचान बनाने का भी बेहतरीन जरिया बन गया. अब यह सोच कर अच्छा लगता है कि सही समय पर मैंने सही फैसला लिया और सही समय पर अपने कारोबार को स्थापित कर लिया. यदि आज भी मैं नौकरी करती रहती, तो शायद मुङो तनख्वाह के रूप में 20 से 25 हजार या ज्यादा-से-ज्यादा 35 से 40 हजार रुपये ही हर महीने मिल रहे होते. लेकिन अपना कारोबार करने का मैंने फैसला करके आज मैं हर महीने लाखों का मुनाफा कमा रही हूं.

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