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आपके लिविंग रूम को बदल देगा स्मार्ट टेलीविजन
सीरियल, रीयलिटी शोज, न्यूज, फिल्में, म्यूजिक, गेम और शॉपिंग के सैकड़ों एप्स से लैस एप्पल टीवी में मनपसंद वीडियो के साथ होगा सबकुछ लाइव. आइफोन या आइपैड की तरह नये सिरी रिमोट के जरिये या बोल कर मिलेगा टीवी सर्च करने का नया रोमांचक अंदाज. स्मार्ट टीवी के युग में और भी काफी कुछ बदलनेवाला […]
सीरियल, रीयलिटी शोज, न्यूज, फिल्में, म्यूजिक, गेम और शॉपिंग के सैकड़ों एप्स से लैस एप्पल टीवी में मनपसंद वीडियो के साथ होगा सबकुछ लाइव. आइफोन या आइपैड की तरह नये सिरी रिमोट के जरिये या बोल कर मिलेगा टीवी सर्च करने का नया रोमांचक अंदाज. स्मार्ट टीवी के युग में और भी काफी कुछ बदलनेवाला है आपके लिविंग रूम में. कैसे मुमकिन होगा यह सब, जानते हैं आज के नॉलेज में…
– शंभु सुमन
ए क जमाने में बुद्धू बक्सा कहलाने वाला टेलीविजन अब स्मार्ट बन चुका है. उसमें मनोरंजन और ज्ञान-विज्ञान की भरमार है, जिन्हें चैनलों के जरिये विविध व्यंजनों की तरह चौबीसों घंटे परोसा जाता है. आनेवाले दिनों में इसमें और भी बड़ा बदलाव होनेवाला है.
इसकी शुरुआत फोर्थ जेनरेशन टीवी से हो चुकी है. बीते शुक्रवार अमेरिकी बाजार में उतारा गया एप्पल कंपनी का नया टीवी सिस्टम कई नयी खूबियों के साथ टेलीविजन देखने के अंदाज को बदलने की क्षमता रखता है.
अत्याधुनिक विशेषताओं वाले इस टीवी में वाइ-फाइ, ब्लूटूथ और आइफोन में इस्तेमाल होनेवाले ब्राउजर के साथ नये ऑपरेटिंग सिस्टम (टीवीओएस) से संचालित होनेवाले सैकड़ों एप्स हैं. टीवीओएस आइफोन या आइपैड ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर चलता है.
इसी कारण एप्पल का दावा है कि यह भविष्य का टीवी है, जो आइफोन और आइपैड के चहेतों के अतिरिक्त हर उम्र के घरेलू दर्शकों के लिए नया अनुभव देनेवाला साबित होगा. न केवल युवा, किशोर, बुजुर्ग और घरेलू महिलाएं, बल्कि बच्चे भी अपनी पसंद के कार्यक्रम, फिल्में, गीत और वीडियोगेम का आनंद उठा सकेंगे.
सिरी रिमोट
डिजिटल सेट-टॉप बॉक्स ने भले ही चैनल चुनने और विभिन्न कार्यक्रमों को रिकार्ड कर दोबारा देखने की सुविधा दी हो, लेकिन फिल्मों और गीतों के बड़े भंडार से मनपसंद फिल्म, शो या दूसरे कार्यक्रम को खुद खोज निकालना काफी मुश्किल काम रहा है. खासकर उन पुरानी फिल्मों और गानों की पहचान करना, जिसमें आपकी पसंद के कलाकार हों, रोचक कहानी व म्यूजिक हो, उलझन भरा होता है. सिरी नामक एप्पल के नये टीवी में रिमोट बटन के स्पर्श मात्र से अब ऐसा संभव हो सकता है.
रिमोट के बटन में दिये गये विकल्पों में शुरुआत करने, बंद करने, आगे बढ़ाने, आवाज को घटाने-बढ़ाने आदि के साथ कमरे व बाहर के तापमान की जानकारी देने, फिल्म के निर्माता-निर्देशक का नाम या चल रहे कार्यक्रम के बारे में पता करने या गेम, म्यूजिक वीडियो व फिल्म संबंधी बातों के भी बटन शामिल हैं. आप चाहें तो बोल कर भी पसंदीदा कार्यक्रम की खोज कर सकते हैं. चंद सेकेंड में ही 10 फिट दूर दीवार के साथ लगे एचडी स्क्रीन पर मनपसंद कार्यक्रम देखा जा सकता है.
इसे काफी सुविधाजनक बनाया गया है और डिजाइनिंग में इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है कि इसे देखते हुए कुछ और काम भी निपटाये जा सकें. यानी कमरे के प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप रंगों और आवाज को संतुलित किया जा सकता है.
रिमोट को पुश करते हुए कुछ ऐसा महसूस होगा, जैसे स्क्रीन के साथ आपका स्वाभाविक तौर पर संवाद बना हुआ है, भले ही वह कमरे में दूसरी तरफ ही क्यों न हो. इसकी सारी खासियत नये सिरी रिमोट में समायी हुई है, जो खास किस्म के सेट-टॉप बॉक्स को आवाज और टचपैड के साथ चलाता है. हालांकि, यह बगैर सेट-टॉप बॉक्स के सामान्य एप्पल टीवी की तरह ही थोड़ा लंबा दिखता है. इसके अलावा, यह चिकना और काले रंग का है. इसमें बाकी सबकुछ होम थियेटर जैसी ही आवाज सुनने की सुविधाएं मौजूद है.
संगीत या दूसरी आवाज की तरंगों को कर्णप्रियता के साथ कमरे में एकसमान रूप से फैलाने के लिए एयरप्ले म्यूजिक स्ट्रीमर को ऑप्टिकल केबल के जरिये कुशलता के साथ जोड़ा गया है. मात्र 35 मिमी लंबे, 3.9 मिमी चौड़े और 3.9 मिमी मोटे व 425 ग्राम वजनी छोटे से सेट-टॉप बॉक्स को यूएसबी पोर्ट के जरिये टीवी के पर्दे के पीछे बने पोर्ट से जोड़ने के बाद इसे सक्रिय बनाया सकता है. इस बॉक्स में चिप लगाये गये हैं और यह वाइ-फाइ युक्त है.
तरल की तरह का अनुभव
फिलहाल बाजार में इसके दो वर्जन उतारे गये हैं. एक वर्जन का मॉडल 32जीबी और दूसरा 64जीबी की क्षमता का है. रिमोट में लगे नये तरह के ब्लूटूथ की करामात से स्पर्श और आवाज, दोनों सुविधाएं मिल जाती हैं, जिससे बॉक्स को संचालित किया जा सकता है. रिमोट के शीशे को स्पर्श करना कुछ इस तरह का अनुभव देता है, जैसे तरल पदार्थ को छुआ जा रहा हो. इसकी इंजीनियरिंग काफी सटीकता लिए हुए है. यह इतना विश्वसनीय रूप से सहज और संवेदनशील है कि एक छोटा बच्चा भी अपनी उंगली के स्पर्श से टीवी चला सकता है.
उंगली से रिमोट के स्पर्श होते ही एचडी स्क्रीन पर आपके पसंद की तसवीर तुरंत उभर आती है. यह आंखों को बहुत प्राकृतिक अनुभूति के साथ दिखता है, न कि इसमें आंखों को चुभनेवाली या अस्वभाविक तसवीरें उभरती हैं. कमरे की रोशनी के अनुरूप तसवीरें या आवाजें स्वत: तुरंत नियंत्रण में आ जाती हैं. ऐसा करने के लिए बार-बार रिमोट की जरूरत नहीं होती है.
बोल कर भी होगा सर्च
इसमें लगे उपकरण से आप बोल कर भी कार्यक्रमों को सर्च कर सकते हैं. स्क्रीन की ओर रुख कर आप पूछ सकते हैं कि आप क्या देखना चाहते हैं? बदले में न केवल आपके प्रश्नों का जवाब मिल सकता है, बल्कि रिमोट के बगैर मीनू क्लिक किये हुए कार्यक्रमों की तलाश कर सकते हैं.
यानी कि इस माइक्रोफोन बटन के जरिये आप मौसम, किसी खास फिल्म या टीवी शो सीरियल के एपीसोड के बारे में उसकी लोकप्रियता, रेटिंग, कलाकारों के नाम आदि पूछ सकते हैं.
भूलेबिसरे कार्यक्रमों की किसी लिंक की मदद से तहकीकात कर सकते हैं. यहां तक कि आप यह भी बोल कर सर्च कर सकते हैं कि मुझे कोई नयी हीरोइन की फिल्म दिखाओ, फिल्म के कलाकारों के नाम बताओ, अवतार या जेम्स बॉन्ड सीरिज फिल्मों के निर्देशक का नाम बताओ.
1980 के दशक की बहुचर्चित सबसे मजेदार कॉमेडी फिल्म खोजो, बच्चों के लिए लोकप्रिय टीवी शो खोजो, नयी प्रोपर्टी दिखाओ आदि. और यह सब काफी सहजता से संपन्न हो जायेगा.
भरपूर मनोरंजन
भविष्य के इस टीवी सेट से घरेलू दर्शकों के न केवल भरपूर मनोरंजन की उम्मीद बनती है, बल्कि एप्स की मदद से घर बैठे कई जरूरी कामकाज भी निबटाये जा सकते हैं. खासकर खरीदारी करने के मामले में यह टीवी स्मार्टफोन या इंटरनेट युक्त पर्सनल कंप्यूटर काम करता है.
हमारी जीवनशैली जिस तरह से डिजिटल होती जा रही है और एप्स पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, उस संदर्भ में यह मददगार भूमिका निभा सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों ने इसकी तकनीक और व्यवहारिकता के संदर्भ में कुछ खामियां भी बतायी हैं, फिर भी यह स्मार्ट टीवी स्मार्टफोन की तरह नये बदलाव की संभावनाएं समेटे हुए है. इसके इंटरनेट से जुड़ने और ब्राउजर से संचलित होने की वजह से यह बैंकिंग, घर बैठे पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाएं आदि की भी सुविधाएं उपलब्ध करवा सकता है.
बहरहाल, नेटफ्लिक्स, हुलु प्लस, अमेजन, यूट्यूब और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग सुविधाओं की वजह से स्मार्ट टीवी की लोकप्रियता बढ़ी है. इसकी कई विभिन्न नामी कंपनियों के मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं. इनसे टीवी देखने के प्रति जहां ललक बदली है, वहीं घिसे-पिटे टीवी कार्यक्रमों के दिन लदने लगे हैं. लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट ने जिस तरह से हमारी जीवनशैली को बदला है, ठीक वैसे ही आनेवाले दिनों में घरेलू मनोरंजन का होनेवाला है.
स्मार्ट टीवी से आप वेब ब्राउज कर सकते हैं और ताजा समाचारों व देश-दुनिया की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. कुछ स्मार्ट टीवी आपको थ्रीडी तसवीरों का आनंद देने के साथ आपकी आज्ञा का पालन ठीक वैसे ही कर सकते हैं, जैसे अलादीन के चिराग के जिन्न द्वारा आदेश पालन करने कहानी लोकप्रिय है. स्मार्ट टीवी के 10 लोकप्रिय एप्स में नेटफ्लिक्स, फेसबुक, ट्विटर, पंडोरा, हुलु प्लस, यूट्यूब, स्काइप, एबीओ गो, इबे व एनबीसी स्पोर्ट्स हैं.
सेंसर से सहूलियत
आइफोन निर्माता एप्पल का यह टीवी सैकड़ों एप्लिकेशन के कारण भी महत्वपूर्ण बन गया है. ऐसा पहली बार है जब एक टीवी सेट में विविध विषयों के एप्स शामिल किये गये हों. यानी कि आज एप्स की बदौलत सामान्य रहन-सहन में जिस तेजी से बदलाव आया है, वह अब घर बैठे टीवी पर ही मिल जाये, तो इससे बड़ी और क्या बात होगी. वैसे एप्स को रिमोट के जरिये आसानी से संचालित किया जा सकता है.
वे एप्स फिल्म, गेम, खेल, शॉपिंग या रोजमर्रा की जरूरतों से संबंधित हो सकते हैं. जरूरत सिर्फ अपने पसंद के एप्स चुनने और उसकी मदद से काम करने की है. उदाहरण के लिए अमेरिका में फिल्मों के एप्स में एचबीओ और रेडबुल टीवी का आनंद लिया जा सकता है, तो ब्रिटेन में बीबीसी के आइप्लेयर, नेटफ्लिक्स, हुलु और शोटाइम इस टीवी पर मौजूद है.
फिल्म या टीवी कार्यक्रम के चलने के दौरान भी आप रिमोट पर स्क्रॉल कर सकते हैं. इसमें बहुतायत में लगे सेंसर की तकनीक से गेम का आनंद बढ़ जाता है. चाहे वह गेम हार्मोनिक्स का बीट स्पोर्ट्स हो या टिल्टिंग प्वाइंट, इसे रिमोट बहुत ही सहजता से संचालित करने का अनुभव देता है.
सिरी की एक अन्य विशेषता आपके द्वारा देखने से छूट गये सीरियल के बीच से पिछले किसी हिस्से को दिखाने या उसके संवाद को सुनवाने की भी है. हालांकि, यह सब सेट-टॉप बॉक्स को पहले से सेट करने पर ही संभव है. एप्स को उस सेटिंग के अनुरूप ही चलाया जा सकता है.
यह सेटिंग ब्लूटूथ, वाइ-फाइ आइक्लाउड आदि की हो सकती है. इसमें फिलहाल डाले गये एप्स वही हैं, जो इन दिनों लोकप्रिय हैं या फिर इनकी उपयोगिता चरम पर है, लेकिन भविष्य में नये एप्स आने या उनके वर्जन में बदलाव होने से इसका लाभ आसानी से नहीं लिया जा सकता है. हालांकि, कंपनी का कहना है कि इस संबंध में भी एप्पल का आइफोन मददगार साबित हो सकता है.
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